Asia Cup 2025: नो हैंडशेक विवाद के बाद बवाल काटने वाली पाकिस्तान टीम को आखिरकार घुटने टेकने पड़े. यूएई के खिलाफ मैच से पहले तक वो बॉयकॉट की धमकी दे रहा था, लेकिन बाद में वो अपने फैसले से पलटा और आखिरकार मैच खेलने मैदान पर उतरा. इस पूरे ड्रामे में कुल मिलाकर नतीजा ये रहा कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम का ‘धमकी बम’ पूरी तरह फुस्स हो गया, क्योंकि जब आईसीसी ने मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग ठुकराई तो पाक टीम ने यूएई के खिलाफ मैच खेलने से मना कर दिया, लेकिन एक घंटे के भीतर ही वो मैदान पर उतरने को मजबूर हो गई.
अब सवाल ये है कि आखिर किस मजबूरी ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया? अब तक जो रिपोर्ट्स सामने आई हैं, उनमें एक बड़ी वजह आईसीसी की वो चेतावनी बताई जा रही है, जिसने पाकिस्तान की हालत खराब कर दी. वो डर की वजह से मैच खेलने उतरी. आइए जानते हैं डिटेल में.
रिपोर्ट में हुआ बड़ा दावा
एक रिपोर्ट के अनुसार, आईसीसी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर वो एशिया कप 2025 का बहिष्कार जारी रखते हैं तो उन पर 1.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी 141 करोड़ का भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा, आखिरकार पाकिस्तान मैच खेलने को राजी हुआ और एक तरह से उसकी बेइज्जती हुई, क्योंकि वो लगातार ये दम भर रहा था कि अगर मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को उनके पद से नहीं हटाया गया तो पाकिस्तान टीम यूएई के खिलाफ मैच खेलने नहीं उतरेगी, 1.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर के जुर्माने की धमकी के बाद पाकिस्तान की हालत खराब हो गई.
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एंडी पायक्रॉफ्ट से पाकिस्तान को क्या दिक्कत थी?
मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट से पाकिस्तान इसलिए चिढ़ा था, क्योंकि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 14 सितंबर को हुए मुकाबले में वो ही मैच रेफरी थे. उस मैच में नो हैंडशेक विवाद ने जन्म लिया था, जिस पर बवाल मचा. जब भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टॉस के दौरान पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली से हाथ नहीं मिलाया और बाद में मैच खत्म होने के बाद भी टीम इंडिया ने किसी भी पाकिस्तानी खिलाड़ी से हैंडशेक नहीं किया तो ये बात पाकिस्तानी खिलाड़ी और उनके बोर्ड को चुभ गई
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मैच के बाद PCB ने एशिया कप में मैच ऑफिशिएट करने वाले अंपायर एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की. पीसीबी ने एंडी पायक्रॉफ्ट पर भारतीय टीम के प्रति पक्षपात करने का आरोप लगाया था. PCB का कहना था कि ऐसे अंपायर के रहते टीम की सुरक्षा और निष्पक्ष खेल सुनिश्चित नहीं हो सकता. इतना ही नहीं पीसीबी ने भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. बोर्ड का आरोप था कि सूर्यकुमार ने भारत-पाकिस्तान मैच में जीत के बाद राजनीतिक टिप्पणी की, जो क्रिकेट के मैदान और खेल की गरिमा के खिलाफ है, लेकिन ICC ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की ये दोनों मांगें खारिज कर दी थीं.
आखिरकार पाकिस्तान को क्यों लेना पड़ा यू-टर्न
नो हैंडशेक विवाद पर जब आईसीसी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की एक बात नहीं मानी तो उसे आखिरकार घुटनों पर आना पड़ा. ऐसा इसलिए क्योंकि PCB अध्यक्ष मोहसिन नकवी दोहरी चुनौती में फंस गए थे, एक तरफ उन्हें अपने देश की इज्जत बचानी थी और दूसरी तरफ करोड़ों का नुकसान झेलने से बचना था. आखिरकार उन्होंने टूर्नामेंट से हटने का फैसला वापस लिया. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अगर पाकिस्तान हट जाता तो उसे 141 करोड़ का लॉस होता.
पाकिस्तान ने इसलिए लिया यू टर्न...
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का सालाना बजट करीब 227 मिलियन डॉलर का है. एशिया कप से उसकी कमाई लगभग 106 से 141 करोड़ रुपये (12–16 मिलियन डॉलर) की कमाई होती है. अगर पाकिस्तान टूर्नामेंट से हटता तो उसे तगड़ा नुकसान होता. ऊपर से 1.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर के जुर्माने की बात भी सामने आई थी. अब कहा जा रहा है कि इन्हीं झटकों से बचने के लिए पीसीबी ने यू टर्न लेकर सरेंडर करना जरूरी समझा.
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