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ODI World Cup 2023: आईसीसी ने लॉन्च किया ‘मस्कट’, जानें महिला के हाथों में गेंद, तो पुरुष को क्यों थमाया गया बल्ला?

ODI World Cup 2023: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने शनिवार को आगामी विश्व कप 2023 के लिए अपने शुभंकर (Mascot) का अनावरण किया, जो उस भावना और एकता का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे क्रिकेट दुनिया भर में बढ़ावा देता है। शुभंकर जोड़ी को भारत के गुरुग्राम में एक कार्यक्रम में लॉन्च किया गया, जिसमें आईसीसी […]

ODI World Cup 2023: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने शनिवार को आगामी विश्व कप 2023 के लिए अपने शुभंकर (Mascot) का अनावरण किया, जो उस भावना और एकता का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे क्रिकेट दुनिया भर में बढ़ावा देता है। शुभंकर जोड़ी को भारत के गुरुग्राम में एक कार्यक्रम में लॉन्च किया गया, जिसमें आईसीसी अंडर-19 महिला और पुरुष विजेता कप्तान शैफाली वर्मा और यश ढुल ने भाग लिया। ये मस्कट जेंडर इक्वालिटी थीम से प्रेरित है जिसमें महिला के हाथ में बॉल तो पुरूष को बल्ला थमाया गया है।

फैंस ही तय करेंगे नाम

आईसीसी द्वारा इन मस्कट को लॉन्च करने के पीछे का मकसद दुनिया भर के फैंस को खेल से जोड़ना है। इस बार आईसीसी ने नया प्रयोग किया है और मस्कट का नाम तय नहीं किया है। काउंसिल ने उल्टा फैंस से ही इसका चयन करने में मदद मांगी है। क्रिकेट प्रेमी आईसीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इसके लिए वोट कर सकते हैं।

महिला को इसीलिए थमाई गई बॉल

आईसीसी ने मस्कट को समझाते हुए बताया है कि 'बिजली की गति से आग के गोले फेंकने वाली टर्बो-संचालित भुजा के साथ, महिला चरित्र की सटीकता सबसे साहसी बल्लेबाजों को भी आश्चर्यचकित कर देती है। उनकी बेजोड़ रिफ्लेक्स, फ्लेक्सिबिलिटी और स्ट्रेंथ एक गेंदबाज के लिए शानदार है। मस्कट में बेल्ट पर 6 गेंदे लगाई गई हैं जिनका उपयोग मैच की परिस्थिति के हिसाब से किया जा सकता है।

पुरुषों को दिया गया बल्ला

आईसीसी ने पुरुषों के मस्कट के हाथों में बल्ला देने की वजह का भी खुलासा किया है। मैंस केरेक्टर अधिक प्रेशर वाली सिचुएशन में भी एक दम शांत रहता है। वह अपनी क्रिएटीविटी और चालाकी से शानदार शॉट मारता है और दर्शकों का दिल जीत लेता है। उनके हर शॉट से एनर्जी मिलती है।


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