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खिलाड़ियों पर जमकर पैसे लुटा रही बीसीसीआई, लेकिन अंपायर्स का क्या? इतने सालों से नहीं बढ़ी सैलरी

Umpires Salaries Under BCCI: एक रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई ने अंपायर की सैलरी पिछले 7 साल में नहीं बढ़ाई है, लेकिन अब इस मामले को रिव्यू किया जाएगा, जिससे कुछ उम्मीदें जगी हैं.

BCCI Has Not Hiked Umpires Salaries In The Past 7 Years: बीसीसीआई ने हाल के सालों में इंटरनेशनल और डोमेस्टिक क्रिकेट में खिलाड़ियों की सैलरी में काफी बढ़ोतरी की है, लेकिन यही हाइक मैच ऑफिशियल्स तक नहीं पहुंची है. हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खेल की बढ़ती हुई मांगों और प्रोफेशनलिज्म के बावजूद, ये बोर्ड ने अंपायर्स की सैलरी पिछले 7 सालों से नहीं बढ़ाई है.

अंपायर्स की 4 कैटेगरीज

फिलहाल, बीसीसीआई 186 अंपायरों के एक पूल के साथ काम करता है, जिन्हें चार कैटेगरी A+, A, B और C में बांटा गया है, जो सेंट्रली कॉन्ट्रैक्टेड खिलाड़ियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ग्रेडिंग स्ट्रक्चर जैसा ही है. इस बंटवारे में A+ कैटेगरी में 9 अंपायर, A में 20, B में 58 और सबसे बड़ा ग्रुप, 99, C कैटेगरी में शामिल हैं.

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कितनी है मैच फीस?

मैच फीस के मामले में, टॉप 2 कैटेगरी, A+ और A के अंपायर्स को मैचों के लिए हर दिन 40,000 रुपये की पेमेंट की जाती है. कैटेगरी B और C में रखे गए लोगों को हर दिन 30,000 रुपये मिलते हैं. ये मैच फीस 7 सालों से एक जैसी बनी हुई है, जबकि भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों की सैलरी और टोटल रेवेन्यू में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.

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सैलरी न बढ़ने को लेकर चिंता

रिपोर्ट में बीसीसीआई की अंपायर कमेटी के बीच बढ़ती चिंताओं पर भी फोकस किया गया है, जिसने मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव का प्रपोजल दिया है. कमेटी ने मौजूदा 4-टियर सिस्टम को सिर्फ 2 कैटेगरी में आसान बनाने और कैटेगरी की परवाह किए बिना सभी अंपायरों के लिए 40,000 रुपये की एक यूनिफॉर्म डेली मैच फीस शुरू करने की सिफारिश की है.

क्या अब आएगा बदलाव?

ये प्रपोजल पहले ही बीसीसीआई एपेक्स काउंसिल के सामने रखा जा चुका है. हालांकि, तुरंत फैसला लेने के बजाय, बोर्ड ने इस मामले को टालने और सिफारिश को डिटेल से स्टडी करने के लिए एक अलग कमेटी बनाने का फैसला किया है. इस नई कमेटी की फाइंडिंग्स अगली एपेक्स काउंसिल की बैठक में पेश किए जाने की उम्मीद है, जिससे अंपायर की मैच फीस का मुद्दा रिव्यू के तहत रहेगा.


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