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क्या पृथ्वी के कोर में हो रहा है रिसाव? 62 मिलियन साल पुराने लावा से हुआ हैरान कर देने वाला खुलासा

Earth Core Leaking? ज्वालामुखी के सतह पर मिले हीलियम-3 से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये पृथ्वी की सतह से ही निकला है!

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Oct 21, 2023 20:05
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Earth Core Leaking

Earth Core Leaking?: धरती रहस्यों से भरी हुई है, वैज्ञानिक लगातार इससे जुड़े शोध में लगे रहते हैं। अब एक हैरान कर देने वाला रिसर्च सामने आया है, इसके बाद से सवाल उठने लगा है क्या धरती के कोर में वाकई रिसाव हो रहा है? बता दें कि कनाडा के आर्कटिक द्वीपसमूह में बाफिन द्वीप पर बहने वाले 62 मिलियन वर्ष पुराने लावा पर एक अध्ययन किया गया था।

नेचर जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, हीलियम-4 और हीलियम-3 के उच्चतम अनुपात के साथ-साथ एक तीसरा आइसोटोप भी है जो ज्वालामुखीय चट्टानों में हमेशा मौजूद है। रिसर्च करने वाली टीम द्वारा बताया गया कि किसी स्थलीय स्थल (Terrestrial Site) पर हीलियम-3 का इतना उच्च स्तर पाया जाना एक बड़ी खोज है। बता दें कि हीलियम-3 अपनी प्रकृति के कारण एक अत्यंत दुर्लभ तत्व है।

ज्वालामुखी की सतह पर हीलियम-3 मिलने का मलतब?

हीलियम-3 जैसे ही सतह पर आता है तो या वायुमंडल में घुल जाता है और गायब हो जाता है। अगर यह ज्वालामुखी के सतह पर मिला है तो इसका मतलब ये हो सकता है कि यह धरती के अंदर (केंद्र) से निकला है। यदि ये हीलियम-3 पृथ्वी के केंद्र से निकला है तो उस दावे पर सवाल उठना लाजमी है जिसमें यह कहा गया था कि पृथ्वी के केंद्र को सील कर दिया गया है।

वैज्ञानिक ने क्या कहा?

कहा जा रहा है कि अगर यह साबित हो गया कि हीलियम-3 पृथ्वी के कोर से निकला है तो वैज्ञानिकों को पृथ्वी के बारे में और अधिक रिसर्च करने में मदद मिलेगी। वुड्स होल ओशनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन के भू-रसायनज्ञ फॉरेस्ट हॉर्टन ने VICE से बात करते हुए कहा, “हम पृथ्वी के मूल के बारे में बहुत कम जानते हैं, सिवाय इसके कि यह अस्तित्व में है।” उन्होंने आगे कहा कि इस खोज से पता चलता है कि पृथ्वी का कोर जितना माना जाता था उससे कहीं अधिक गतिशील है।

बता दें कि कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और वुड्स होल ओशनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन के भू-रसायनज्ञों की टीम द्वारा लावा के नमूने को एकत्रित किया गया था। इस रिसर्च में कहा गया है कि यदि हीलियम-3 कोर से आ रहा है, तो उसके आस-पास के अन्य धातु भी होने चाहिए जिससे पृथ्वी के कोर की स्थिति को समझने में मदद मिल सकती है।

First published on: Oct 21, 2023 08:05 PM
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