NASA ने रिकॉर्ड की ब्लैक होल टकराने की आवाज, ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने में मिलेगी मदद
पहली बार NASA के वैज्ञानिकों ने "Binary Black Hole Merger" नामक घटना में सुपरमैसिव ब्लैक होल के विलय से निकलने वाली गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाया है। इन वेव्ज का पता लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्ज़र्वेटरी (LIGO) और विर्गो ग्रेविटेशनल-वेव डिटेक्टरों द्वारा लगाया गया था।
वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ये महाविशाल ब्लैक होल लगभग 1.2 अरब प्रकाश वर्ष दूर सुदूर आकाशगंगा में स्थित हैं। इन दोनों ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 85 और 66 गुना था। दोनों ब्लैक होल तेजी से घूम रहे थे क्योंकि वे विलय से पहले एक-दूसरे की ओर सर्पिलाकार गति से बढ़ रहे थे। विलीन हो रहे ब्लैक होल से निकलने वाली गुरुत्वाकर्षण तरंगें इतनी शक्तिशाली और तीव्र थीं कि उन्हें पृथ्वी से भी ट्रैक किया जा सकता था। इन तरंगों को ध्वनि तरंगों में बदल कर इन्हें सुना भी गया है।
यह भी पढ़ें: वैज्ञानिकों ने ढूंढा दुर्लभतम तारा, करोड़ों में एक होता है, इसकी खूबियां हैरान कर देंगी
यह पहली बार है कि गुरुत्वाकर्षण तरंगों के जरिए एक बाइनरी ब्लैक होल मर्जर देखा या है। इस विलय के परिणामों ने आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत द्वारा की गई कुछ भविष्यवाणियों की पुष्टि की है। साथ ही इस खोज ने ब्लैक होल को लेकर हमारी समझ और जानकारी को भी बढ़ाने का काम किया है। इस संबंध में NASA ने एक ट्वीट करते हुए ब्लैक होल मर्जर का साउंड भी ट्वीट किया है।
सुपरमैसिव ब्लैक होल्स का इस तरह युगलस्वरूप में परिक्रमा करना एक साधारण नियम हो सकता है। NASA के वैज्ञानिकों के अनुसार जब वे एक-दूसरे की परिक्रमा करते हैं तो वे शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण तरंगों के रूप में ऊर्जा उत्सर्जित कर सकते हैं, जब तक कि अंततः वे एक प्रलयकारी अंत में नहीं टकराते। NANOGrav के खगोल भौतिकी समूह के अध्यक्ष, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के ल्यूक केली कहते हैं, "एक बार जब दो ब्लैक होल पल्सर टाइमिंग एरे द्वारा देखे जाने योग्य हो जाते हैं, तो उन्हें कुछ मिलियन वर्षों के भीतर विलय होने से कोई नहीं रोक सकता।"
यह भी पढ़ें: Nebula में जन्म लेते हैं सूरज जैसे हजारों-लाखों सितारे, गैस और धूल से होता है इनका जन्म
ब्रह्माण्ड से जुड़े रहस्यों का होगा खुलासा
उल्लेखीय है कि यह एक महत्वपूर्ण खोज है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण तरंगें उन कुछ तरीकों में से एक है जिससे खगोलविद आकाशगंगाओं के भीतर की गतिविधि का निरीक्षण कर सकते हैं जो किसी अन्य प्रकार की दूरबीन से देखने के लिए बहुत दूर हैं। केली के अनुसार NANOGrav द्वारा पाई गई गुरुत्वाकर्षण तरंग पृष्ठभूमि का अस्तित्व इस भविष्यवाणी का समर्थन करता प्रतीत होता है, जो संभावित रूप से अंतिम पारसेक समस्या को समाप्त कर देता है।
चूंकि सुपरमैसिव ब्लैक होल जोड़े आकाशगंगाओं के विलय के कारण बनते हैं, इसलिए उनकी गुरुत्वाकर्षण तरंगों की प्रचुरता से ब्रह्मांड विज्ञानियों को यह अनुमान लगाने में मदद मिलेगी कि ब्रह्मांड के इतिहास में आकाशगंगाएँ कितनी बार टकराई हैं। मिंगारेली, सीसीए और कनेक्टिकट विश्वविद्यालय के पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता डेबोरा सी. गुड और उनके सहयोगियों ने गुरुत्वाकर्षण तरंग पृष्ठभूमि की तीव्रता का अध्ययन किया। उनका अनुमान है कि ब्रह्मांड में सैकड़ों हजारों या शायद दस लाख या उससे भी अधिक महाविशाल ब्लैक होल बायनेरिज़ निवास करते हैं।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.