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चांद के बाद अब सूरज पर नजर, भारत की एल-1 मिशन के जरिये लंबी छलांग की तैयारी

ISRO On Gaganyaan Mission 2024: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब अंतरिक्ष की दुनिया में लंबी छलांग लगाने की तैयारी में है। चंद्रयान-3 के बाद कई अंतरिक्ष अभियान और मिशन ISRO की पाइपलाइन में हैं, जो एक-एक कर धरातल पर आएंगे। इसके लिए लगातार चंद्रयान तैयारी कर रहा है। बताया जा रहा है कि जल्द […]

ISRO On Gaganyaan Mission 2024
ISRO On Gaganyaan Mission 2024: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब अंतरिक्ष की दुनिया में लंबी छलांग लगाने की तैयारी में है। चंद्रयान-3 के बाद कई अंतरिक्ष अभियान और मिशन ISRO की पाइपलाइन में हैं, जो एक-एक कर धरातल पर आएंगे। इसके लिए लगातार चंद्रयान तैयारी कर रहा है। बताया जा रहा है कि जल्द ही ISRO आदित्य एल-1 मिशन को लॉन्च करेगा। इसका मकसद सूर्य का अध्ययन करना है। इसकी सफलता से भी भारत के लिए बड़े और कामयाबी के द्वार खुलेंगे। यूं भी चंद्रयान-2 को छोड़ दें तो इसरो के करीब-करीब सभी अभियान सफल हैं।

तारों को समझने में मिलेगी मदद

उधर, मिली जानकारी के मुताबिक यूआर राव उपग्रह केंद्र में निर्मित किए गए सेटेलाइट लॉन्चिंग के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में यानी कि इसरों के अंतरिक्ष केंद्र में पहुंच गया है।  इसरो की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इसका प्रक्षेपण सितंबर के प्रथम सप्ताह में किया जा सकता है। इसके जरिये तारों को समझने में मदद मिलेगी। वहीं, इस बात पर भी चर्चा जारी है कि सौर मंडल के बाहर के गृहों का अध्ययन करने के लिए इसमें क्या-क्या बदलाव किया जाए। इसरो अध्यक्ष के मुताबिक, जलवायु पर अध्ययन और अवलोकन के मकदस से उपग्रह इनसेट-3 डीएस के अध्ययन के योजना तैयार की गई है। यह भी जानकारी सामने आ रही है कि देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगन यान के अंतर्गत 3 अंतरिक्ष यात्रियों की टीम को 3 दिनी मिशन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में ले जाया जाएगा। इसे सुरक्षित धरती पर लाया जाएगा, इसकी भी तैयारी की जा रही है। वहीं, इसरो की योजना के अनुसार, मानव रहित उड़ान मिशन यानी गगनयान को शुरू करने से पहले ही 2 मानव रहित मिशन की भी योजना तैयार की गई है। यह भी अहम है कि भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयास से निर्मित सिंथेटिक एपर्चर रडार 'निसार' को भी प्रक्षेपित किया जाएगा।

क्या है गगनयान

गौरतलब है कि गगनयान मिशन दरअसल, ISRO अगले साल तक 5 से लेकर 7 दिनों के लिए तीन सदस्यीय दल को अंतरिक्ष में भेजने का एक मिशन है। ऐसे में चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन के बाद इसरो का यह गगनयान मिशन भारत के लिए खास होगा। अगर यह मिशन में सफल रहा तो यह भारत के लिए बड़ी बात होगी।

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