Chandrayaan-3 Mission: देश के महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-3 ने शुक्रवार को अहम पड़ाव पार कर लिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दोपहर 3:50 बजे डीबूस्ट प्रक्रिया शुरू की। इस एक्शन के बाद चंद्रयान का लैंडर अब चंद्रमा से 113x157 किमी की परिधि में चक्कर लगा रहा है। यानी चंद्रमा से निकटतम बिंदु (पेरिल्यून) 113 किमी और सबसे दूर का बिंदु (अपोल्यून) 157 किमी है। इसरो का कहना है कि लैंडर मॉड्यूल (LM) की हेल्थ कंडीशन अच्छी है। दूसरी डीबूस्ट प्रक्रिया 20 अगस्त को रात बजे अपनाई जाएगी।
लैंडर में कैमरा लगा हुआ है। लैंडर ने चंद्रमा की ताजा तस्वीरें भेजी हैं। चंद्रमा की ग्रे कलर की परत दिख रही है। जिसमें बड़े-बड़े उभार भी दिखाई दे रहे हैं।
इससे पहले 10 अगस्त को भेजी थी तस्वीर
इससे पहले लैंडर ने अपने कमैरे से 10 अगस्त को पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीर भेजी थी। पृथ्वी का रंग नीला नजर आया था। उसके ऊपर सफेद बादलों की चादर बिछी दिख रही थी। इसके बाद लैंडर ने होरिजोंटल वेलोसिटी कैमरा ने चंद्रमा की सतह की तस्वीर ली थी।
अब भी चंद्रयान-3 की कितनी यात्रा बाकी
20 अगस्त को चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की रात दो बजे के आसपास डीऑर्बिटिंग डीबूस्टिंग प्रक्रिया से की जाएगी।
23 अगस्त को लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। लैंडर की कंडीशन और अन्य गणनाएं ठीक रहीं तो यह सुबह करीब पौने छह बजे चांद की सतह पर उतरेगा।
14 जुलाई को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। 23 जुलाई को लैंडिंग होगी। यह देश का तीसरा मून मिशन है। इससे पहले चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी। यदि इस बार सबकुछ ठीक रहा तो भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचने वाला दूसरा देश बन जाएगा। पहला देश बनने की रेस में रूस है। उसका लूना मिशन 21 अगस्त को साउथ पोल पर लैंड करेगा।
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