TrendingparliamentPollutionBollywood

---विज्ञापन---

चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग का नया VIDEO, खौफ के 20 मिनट को लैंडर ने कुछ यूं फतह में बदला

Chandrayaan-3 Lander Moon Touchdown Image: चंद्रयान-3 की चंद्रमा के सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का नया वीडियो इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने जारी किया है। वैज्ञानिकों ने लैंडिंग के जिस आखिरी 20 मिनट को खौफ से भरा समय बता रहे थे, वह उसके लिए वरदान साबित हुआ। लैंडर विक्रम ने बुधवार को इतिहास रचा और […]

Chandrayaan-3 Mission
Chandrayaan-3 Lander Moon Touchdown Image: चंद्रयान-3 की चंद्रमा के सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का नया वीडियो इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने जारी किया है। वैज्ञानिकों ने लैंडिंग के जिस आखिरी 20 मिनट को खौफ से भरा समय बता रहे थे, वह उसके लिए वरदान साबित हुआ। लैंडर विक्रम ने बुधवार को इतिहास रचा और चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड किया। इसरो ने अब दुनिया को दिखाया है कि जब लैंडर अपने कंधों पर 140 करोड़ देशवासियों की उम्मीदें लेकर चंद्रमा की सतह के करीब पहुंचा तो उसने क्या-क्या देखा? इसरो ने अपने ताजा पोस्ट में लैंडिंग का वीडियो पोस्ट किया है। इसरो ने बताया कि लैंडर में लगे इमेजर कैमरे ने टचडाउन से ठीक पहले चंद्रमा वीडियो रिकॉर्ड किया है।

क्या-क्या चंद्रमा पर दिखा?

हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से कैप्चर किए गए वीडियो में चंद्रमा की खूबसूरत सतह दिख रही है। चंद्रमा पर बड़े-बड़े गड्ढे दिखते हैं। करीब दो मिनट की क्लिप के आखिरी पलों में लैंडर विक्रम की गति काफी धीमी हो जाती है। इसके बाद लैंडर चंद्रमा की सतह को छूते हुए दिखता है। दरअसल, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला भारत दुनिया का इकलौता देश है। अब तक कोई भी देश इस छोर पर नहीं पहुंचा है। भारत से पहले रूस (सोवियत संघ), अमेरिका, चीन ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की है।

इन चार फेज में हुई लैंडर विक्रम की लैंडिंग

लैंडर विक्रम 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया था। 23 अगस्त की शाम 6:04 लैंडर ने चंद्रमा की सतह को छुआ। यह पूरी प्रक्रिया चार चरणों में हुई। जिसमें रफ ब्रेकिंग, एल्टीट्यूड होल्ड, फाइन ब्रेकिंग और वर्टिकल डिसेंट प्रक्रिया शामिल थे। चारों फेज आसानी से सफल हुए।

रोवर ने शुरू किया मून वॉक

लैंडर के चंद्रमा की सतह पर पहुंचने के बाद धूल के कण फैल गए थे। करीब साढ़े तीन घंटे के बाद धूल के कण छंट गए तो लैंडर के पेलोड रोवर प्रज्ञान लुढककर चंद्रमा की सतह पर बाहर आया। रोवर और लैंडर 14 दिनों तक चालू रहेंगे। चंद्रमा पर पृथ्वी के 14 दिन के बराबर एक दिन होता है। बुधवार को सूर्योदय के समय लैंडर की लैंडिंग कराई गई थी। यह भी पढ़ें: चंद्रमा पर फैला 200 टन कचरा, भाला, गेंद.. तौलिए और भी बहुत कुछ बिखरा पड़ा, हैरान कर देगी सच्चाई


Topics:

---विज्ञापन---