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Chandrayaan-3: चांद पर आया भूकंप? ISRO ने किया ये खुलासा

Chandrayaan 3 ISRO Scientist Life Possible on Moon: क्या चांद पर जीवन संभव है? तमाम मून मिशनों के सफल होने के बावजूद ये सवाल हर किसी के जहन में आता है। जैसे पृथ्वी पर हमें ऑक्सीजन, पानी समेत तमाम जरूरी प्राकृतिक चीजें मिलती हैं, क्या वैसे ही चांद पर भी इन चीजों के साथ इंसानी […]

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Chandrayaan 3 ISRO Scientist Life Possible on Moon: क्या चांद पर जीवन संभव है? तमाम मून मिशनों के सफल होने के बावजूद ये सवाल हर किसी के जहन में आता है। जैसे पृथ्वी पर हमें ऑक्सीजन, पानी समेत तमाम जरूरी प्राकृतिक चीजें मिलती हैं, क्या वैसे ही चांद पर भी इन चीजों के साथ इंसानी बस्तियां बसाई जा सकती हैं। हमारा मून-मिशन चंद्रयान-3 लगातार चांद के रहस्य खोलता नजर आ रहा है। गुरुवार को इसरो के अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एसएसी) के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने इन्हीं सवालों का जवाब देने की कोशिश की।

सल्फर की अच्छी मात्रा

उन्होंने कहा- अब तक हमें चंद्र सतह पर सल्फर की अच्छी मात्रा दिखाई दी है। इससे पहले भी चंद्रमा की सतह पर सल्फर पाया गया था, लेकिन इतनी प्रमुखता से कभी दिखाई नहीं दिया। यह हमारे ऑब्जर्वेशन का अनूठा बिंदु है। यह हमें हाल ही में मिला है। आगे का विश्लेषण अभी भी चल रहा है, लेकिन यह एक अच्छा संकेत है कि चांद की सतह पर सल्फर उपलब्ध है। इसके अलावा, ऑक्सीजन होने के भी संकेत मिले हैं, लेकिन हम हाइड्रोजन की भी तलाश कर रहे हैं। ताकि भविष्य में पानी का पता लगाया जा सके। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन दोनों के साथ हम भविष्य में पानी के बारे में सोच सकते हैं, लेकिन इससे पहले कि हम अंततः चंद्रमा पर जल स्रोत के बारे में जानकारी जुटाएं, इसके लिए हमें अन्य पहलुओं पर काम करने की आवश्यकता होगी।

इस तरह आसान होगा पानी  

देसाई ने आगे कहा- अगर हम स्पेस हैबिटाट और स्पेस कॉलोनी का निर्माण करना चाहते हैं तो ये सभी पहलू जरूरी हैं। हालांकि फिलहाल इन चीजों के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी। देसाई ने बताया कि 2008 में हमें पहले चंद्रयान के दौरान हाइड्रोक्सियल मॉलीक्यूल का पता चल गया था, लेकिन इसके अलावा हमें यदि ऑक्सीजन, हाइड्रोक्सियल मॉलीक्यूल और नाइट्रोजन का पता चलता है तो मून सरफेस पर पानी को जनरेट करना आसान हो जाएगा। इस तरह हम चांद पर जीवन की उम्मीद कर सकते हैं। हमें आगे रिसर्च करनी होगी। अगले मिशन भी प्लान किए गए हैं। सल्फर का चांद पर मिलना दुर्लभ है। इसे 'जल हिम' की मौजूदगी का संकेत माना जा सकता है। इसके जरिए चांद पर भविष्य में इंसानों की बसावट के लिए पानी का स्रोत मिल सकता है। वहीं चेन्नई में चंद्रयान-3 मिशन पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा- ''सब कुछ ठीक काम कर रहा है। पूरा डेटा अच्छे से आ रहा है। हमें उम्मीद है कि 14 दिनों के अंत तक हमारा मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो जाएगा।"

चांद पर भूकंप!

गुरुवार को इसरो ने बताया कि चंद्रमा पर आए प्राकृतिक भूकंप को रिकॉर्ड किया गया है। इसे चंद्र भूकंपीय गतिविधि (आईएलएसए) पेलोड की ओर से दर्ज किया है। लैंडर विक्रम ने चंद्रमा पर भूकंपन की घटना के बारे में पता लगाया है।


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