Kaal Bhairav Devta: काल भैरव भगवान को शराब का भोग लगाया जाता है. भगवान काल भैरव शिव जी के उग्र अवतार माने जाते हैं. उन्हें नकारात्मकता और भय को दूर करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है. भारत के कई मंदिरों में काल भैरव भगवान को शराब का भोग लगाया जाता है. आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो इसके पीछे एक रहस्य छिपा है कि, आखिर क्यों भगवान काल भैरव को शराब का भोग लगाया जाता है. चलिए इसके बारे में जानते हैं.
क्यों लगाते हैं भगवान काल भैरव को शराब का भोग?
काल भैरव भगवान को शराब का भोग लगाने के पीछे कई मान्यताएं हैं. एक मान्यता के अनुसार, काल भैरव भगवान को तांत्रिक कामों का देवता माना जाता है इसमें इसका इस्तेमाल होता है. तांत्रिक क्रियाओं में शराब का उपयोग सांसारिक बंधनों से मुक्त करने के लिए किया जाता है. इस वजह से काल भैरव को शराब का भोग लगाया जाता है.
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भगवान काल भैरव को तामसिक देवता के रूप में पूजा जाता है यह भी एक वजह है कि, उन्हें शराब का भोग लगाया जाता है. इसके साथ ही भगवान काल भैरव को मदिरा चढ़ाना संकल्प, शक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. यह मान्यता है कि, काल भैरव भगवान को शराब चढ़ाने से भक्तों को सभी समस्याओं से निजात मिलती है.
भगवान काल भैरव पूजा विधि
काल भैरव देवता की पूजा के लिए स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. काल भैरव भगवान की प्रतिमा स्थापित करें और विधि विधान से पूजा-अर्चना करें. काल भैरव भगवान के समक्ष धूप, सरसों के तेल का दीपक जलाएं. काले तिल और मिठाई का भोग लगाएं. आप परंपरा के मुताबिक, काल भैरव को शराब चढ़ा सकते हैं. भगवान काल भैरव के मंत्रों का जाप करें और आरती करें.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.