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Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है, 21 या 22 जून? एक क्लिक में जानें; नोट करें स्नान-दान का समय

Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 को लेकर लोगों में बहुत असमंजस की स्थिति है कि यह कब है, 21 या फिर 22 जून को? इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपकी सारी कन्फ्यूजन दूर हो जाएगी कि दो तिथियों का विवाद क्यों है, सही तिथि क्या है और स्नान-दान करना का श्रेष्ठ समय क्या है?

Jyeshtha Purnima 2024: इस साल लगभग सभी पर्व, त्योहार और व्रत की तिथियों लेकर लोगों में बहुत असमंजस की स्थिति रही है। यह स्थिति ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 को लेकर भी बनी हुई है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, जहां ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 21 जून को है, वहीं पूर्णिमा की पूजा और स्नान-दान 22 जून को है। इससे लोगों की दुविधा और बढ़ गई है कि ऐसा क्यों, ये दो तिथियों में क्यों हो रहा है? आइए जानते हैं, ऐसा होने का धार्मिक कारण क्या है, पूर्णिमा की सही तिथि और स्नान-दान का समय कब है?

हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व

बता दें, ज्येष्ठ पूर्णिमा के जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा होती है। मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ और स्नान-दान करने से व्यक्ति के अटके हुए काम पूरे होते है और अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। घर-परिवार में बरकत होती है। समाज में मान-प्रतिष्ठा बढ़ती है। साथ ही, इस रात को चांद पूर्ण विकसित अवस्था होते हैं, जिसे हिन्दू धर्म में बेहद शुभ माना गया है।

21 या 22 जून, कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा

सनातन पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि 21 तारीख शुक्रवार को सूर्योदय के बाद 07 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और यह 22 तारीख शनिवार को 06 बजकर 37 मिनट खत्म होगी। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार, पर्व, त्योहार और व्रत उस तिथि में मनाया जाता है, जिस तिथि में सूर्योदय होता है। चूंकि ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि 21 जून को सूर्योदय के बाद शुरू हो रही है, इसलिए पूर्णिमा की पूजा और स्नान-दान 22 जून को किए जाएंगे, जबकि इसका व्रत 21 जून को रखा जाएगा।

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 स्नान-दान का समय

क्र.सं. मुहूर्त समय
1 ब्रह्म मुहूर्त 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तक
2 अभिजित मुहूर्त 11:55 ए एम से 12:51 पी एम
3 अमृत काल सुबह 11 बजकर 37 मिनट से दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक
4 विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
  ब्रह्म मुहुर्त तपस्वी और योगियों के लिए स्नान का श्रेष्ठ समय है। वहीं, गृहस्थ जातक शेष तीन मुहूर्तों- अभिजित मुहूर्त, और विजय मुहूर्त में स्नान और दान-पुण्य कर सकते हैं। ये भी पढ़ें: 5 तरीकों से करें शिवलिंग की पूजा, दूर होंगी जीवन की 5 बड़ी समस्याएं ये भी पढ़ें: Vastu Tips: रात में ठीक से नहीं सो पाएं, तो करें ये वास्तु उपाय, आएगी सुकून की नींद डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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