भूल से भी इस दिशा में न रखें शू रैक
जूते-चप्पल या इसकी रैक को भूल से भी उत्तर, पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में नहीं रखना चाहिए। जब हम कहीं बाहर से आते हैं तो हमारे जूते-चप्पलों में धूल-मिट्टी और गंदगी लगी होती है। जूते-चप्पल और सैंडिल की गंदगी से ये दिशाएं दूषित हो जाती हैं और इन दिशाओं के स्वामी देवता नाराज हो जाते हैं। इन स्थानों पर नकारात्मक ऊर्जा फैलने से घर की समृद्धि और सौभाग्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। कहते हैं, ऐसे घर पर मां लक्ष्मी कभी वास नहीं करतीं हैं।घर में इन स्थानों पर नहीं होने चाहिए शू रैक
[caption id="attachment_777555" align="alignnone" ]जूते-चप्पल के लिए ये दिशा है शुभ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर जूते-चप्पल को हमेशा कैबिनेट, बंद रैक या अलमारी में रखना चाहिए। घर की शुभता और सकारात्मक ऊर्जा पर कोई असर न पड़े इसके लिए शू रैक या स्टैंड को हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र में यह दिशा शुभ मानी गई है। बता दें, जहां तक संभव हो जूते-चप्पल रखने की कैबिनेट, रैक या अलमारी लकड़ी की बनवानी चाहिए। यदि बाजार से बनी-बनाई खरीदते हैं, तो लकड़ी वाली ही खरीदें। धातु, प्लास्टिक या कपड़े की शू रैक वास्तु के अनुसार शुभ नहीं मानी गई है। ये भी पढ़ें: घर में राहु का वास तो न हों निराश, 3 चीजें यहां रखें, छूमंतर हो जाएगी नेगेटिव एनर्जी ये भी पढ़ें: राहु का असर कम करता है ‘खाली गमले का उपाय’, नहीं होती है अकाल मृत्यु, दूर होते हैं वास्तु दोष
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।