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Rath Yatra 2025: इस दिन मां लक्ष्मी हो जाती हैं नाराज, फिर करती है ये काम; जानें क्या है हेरा पंचमी की रस्म?

Rath Yatra 2025: रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ गुंडीचा मंदिर यानी अपनी मौसी के घर जाते हैं। माना जाता है कि वे इस समय अपनी नानी के घर छुट्टियां मनाने जाते हैं, मगर महाप्रभु अपने साथ मां लक्ष्मी को नहीं ले जाते हैं, जिस वजह से वह उनसे नाराज हो जाती है। आइए जानते हैं इस कथा और हेरा पंचमी रस्म के बारे में।

Rath Yatra 2025: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा होने में अब बस दो दिन बाकी है। ओडिशा के पुरी शहर में इस भव्य पर्व के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रथयात्रा में पिछले साल लगभग 80 लाख लोगों ने शिरकत की थी। पुरी में रथयात्रा के लिए सिर्फ देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया से लोग प्रभु के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। रथयात्रा के लिए भगवान बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। उनकी मौसी के घर को गुंडिचा मंदिर के नाम से जाना जाता है। रथ यात्रा का यह पर्व सिर्फ 1 दिन का नहीं होता है। यह त्योहार कई दिनों तक मनाया जाता है और इसमें कई अलग-अलग रस्में भी निभाई जाती है। हेरा पंचमी भी इन्हीं में से एक होती है, जो रथयात्रा के पांचवे दिन मनाई जाती हैं। इस कथा के अनुसार, माता लक्ष्मी भगवान जगन्नाथ से नाराज हो जाती है। आइए जानते हैं इस अनोखी रस्म के बारे में सब कुछ।

कब मनाई जाती है हेरा पंचमी?

यह रस्म रथ यात्रा के पांच दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन भगवान जगन्नाथ की पत्नी देवी लक्ष्मी देवताओं से मिलने के लिए गुंडिचा मंदिर में प्रतीकात्मक यात्रा करती हैं। हेरा पंचमी के नाम से मशहूर इस अनुष्ठान में रात में गुप्त तरीके से मां की झांकी निकाली जाता है, जो रहस्य और उत्साह से संबंधित होता है। यह दिव्य दर्शन एक विवाहित जोड़े के पुनर्मिलन और वैवाहिक सद्भाव के महत्व का प्रतीक होता है। दरअसल, इसके पीछे भी एक कारण है कि क्यों मां लक्ष्मी अचानक गुंडिचा मंदिर जाती है। ये भी पढ़ें- Rath Yatra 2025: कौन थीं जगन्नाथ प्रभु की देवदासियां ‘महारी’? जो रथ यात्रा में करती थीं नृत्य

क्यों देवी लक्ष्मी जाती है गुंडिचा मंदिर?

दरअसल, प्रभु देवी लक्ष्मी को बिना बताएं और बिना उन्हें अपने साथ लिए अपने मौसी के घर चले जाते हैं। इस बात से माता लक्ष्मी भगवान जगन्नाथ से नाराज हो जाती है और गुस्से में श्रीमंदिर से प्रस्थान कर लेती है और मन में इस बात को ठान लेती हैं कि आज वे भगवान जगन्नाथ से जरूर मिलेंगी। साथ ही वे मन में इस सवाल को भी लेकर गई थी कि आखिर वे उन्हें कैसे अपने साथ नहीं ले गए।

क्यों तोड़ा था रथ?

देवी लक्ष्मी भगवान जगन्नाथ से नाराज होती है। इसलिए, वे अपना क्रोध प्रकट करने के लिए प्रभु के रथ को क्षतिग्रस्त कर देती है। दरअसल, माता लक्ष्मी इतने क्रोध में मंदिर जाती है कि गुंडिचा मंदिर के दरवाजे भी अचानक बंद हो जाते हैं, ऐसे में प्रभु के दर्शन न होने पर वह गुस्से में नंदीघोष रथ के एक हिस्से को थोड़ा तोड़ देती है। यह एक अनोखी परंपरा है, जो हर साल रथयात्रा के दौरान मनाई जाती है। एक कथा के अनुसार, माता लक्ष्मी गुस्से में गुंडिचा मंदिर के सेवादारों की पिटाई भी करती है और जगन्नाथ जी को बोलती है कि वे हर हाल में अगले दिन घर वापस आ जाए।

गुप्त होती है यह रस्म

रथयात्रा के दौरान माता लक्ष्मी की इस यात्रा को गुप्त तरीके से निकाला जाता है। इस रस्म का पालन भी गुप्त होता है, क्योंकि मां लक्ष्मी छुपके से देखने जाती है कि प्रभु कहां और क्यों गए हैं। इस रस्म में भगवान जगन्नाथ और मां लक्ष्मी के प्रतीकात्मक दर्शन होते हैं। हालांकि, प्रभु के दर्शन सही से न मिलने के बाद माता लक्ष्मी दुखी मन के साथ वापस श्रीमंदिर आ जाती है। इस साल हेरा पंचमी की रस्म 1 जुलाई को मनाई जाएगी। ये भी पढ़ें- Rath Yatra 2025: भगवान जगन्नाथ के रथ का हर हिस्सा है खास, जानें हर भाग की विशेषता


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