तीनों रथों की खासियत
भाई बलराम का रथ
भाई बलराम के रथ को तालध्वज नाम से जाना जाता है, जो सबसे आगे होता है। ये रथ करीब 43.30 फीट ऊंचा होता है, जो भगवान जगन्नाथ के रथ से थोड़ा बड़ा होता है। ये रथ लाल और हरे रंग का होता है, जिसमें 14 पहिए लगे होते हैं। देवताओं के राजा इंद्र का सारथी मातलि बलराम जी के रथ को चलाता है।बहन सुभद्रा का रथ
भगवान जगन्नाथ और बलराम की छोटी बहन सुभद्रा हैं, जिनका रथ दोनों भाइयों के बीच में रहता है। देवी सुभद्रा के रथ का नाम दर्पदलन है, जिसकी ऊंचाई करीब 42.32 फीट है। ये रथ लाल और काले रंग का होता है, जिसमें 12 पहिए लगे होते हैं। इस रथ के सारथी स्वयं अर्जुन हैं।भगवान जगन्नाथ का रथ
भगवान जगन्नाथ के रथ को नंदीघोष और गरुड़ध्वज के नाम से जाना जाता है, जो करीब 42.65 फीट ऊंचा होता है। महाप्रभु जगन्नाथ का रथ लाल और पीले रंग का होता है, जिसमें 16 पहिए लगे होते हैं। जगन्नाथ जी के रथ के सारथी दारुक हैं, जो उन्हें पूरे नगर का भ्रमण कराते हैं। ये भी पढ़ें- Rath Yatra 2025: 26 जून को होंगे महाप्रभु जगन्नाथ के नेत्र दर्शन, जानें क्या है धार्मिक महत्व
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