तुलसी की पवित्रता का रखें ध्यान
हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत पवित्र माना जाता है और इसे छूने से पहले स्वच्छता और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए. हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार। जो व्यक्ति श्राद्ध या तर्पण करते हैं। उनको भूल से भी पितृपक्ष में तुलसी को छूना नहीं चाहिए। इसका कारण यह माना जाता है कि इस दौरान पितरों की आत्माएं पृथ्वी पर आती हैं और तुलसी का पौधा आत्मा के स्पर्श से अपवित्र हो जाता है। ये भी पढ़ें: Sharad Purnima 2024: चांद की रोशनी में क्यों रखते हैं खीर? जानें महत्व और नियमन तोड़ें तुलसी की पत्तियां
पितृपक्ष में तर्पण या श्राद्ध में तुलसी से जुड़ा कोई भी अनुष्ठान या विधि नहीं होती है। इसलिए जो व्यक्ति श्राद्ध या तर्पण करते हैं। उनको पूरे पितृपक्ष में तुलसी की पत्तियां भी नहीं तोड़नी चाहिए, क्योंकि इससे पितरों की आत्मा को बहुत ही दुख होता है और रुष्ट हो सकते हैं।पितृपक्ष में तुलसी पूजा पर रोक नहीं, लेकिन...
यदि आपके घर में नियमित तुलसी की पूजा होती है, जैसे दिन में अर्घ्य देते है, परिक्रमा करते हैं और सांझ-बाती करते हैं। इसके लिए पितृपक्ष में रोक नहीं है। लेकिन पितृपक्ष में तुलसी की पूजा करने वाले व्यक्ति को श्राद्ध या तर्पण नहीं करना चाहिए और न ही उनसे श्राद्ध से जुड़ा कोई कार्य करवाना चाहिए। कहने का मतलब है कि तुलसी की पूजा करने वाले व्यक्ति और श्राद्ध या तर्पण करने वाले व्यक्ति दोनों अलग-अलग होने चाहिए। ये भी पढ़ें: Jitiya Vrat 2024: ये 5 चीजें बनाती हैं जितिया व्रत को खास, नहीं खाईं तो अधूरा रहेगा व्रत! ये भी पढ़ें: Chandra Grahan 2025: क्या अगले साल पितृपक्ष में फिर लगेगा चंद्र ग्रहण, जान लीजिए 2025 के ग्रहण की तिथियां
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