निर्जला एकादशी का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सभी एकादशियों की तरह निर्जला एकादशी भी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस व्रत करने से विधि-विधान से करने पर भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। विष्णु पुराण के मुतबिक इस व्रत को करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, मानसिक संताप मिट जाता है। व्रती यानी व्रत रखने वाले साधक-साधिका को लंबी आयु की प्राप्ति होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है। इसे करने से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और घर में कभी भी आर्थिक तंगी नहीं रहती है।निर्जला एकादशी पर करें ये उपाय
निर्जला एकादशी एक कठिन व्रत है। जून की भीषण गर्मी में पड़ने के कारण यह व्रत और भी कठिन हो जाता है। लेकिन इसका फल बहुत ही उत्तम होता है। यदि आप विधि-विधान से व्रत रखते हैं और यहां बताए गए उपायों को करते हैं, तो आपको निश्चित रूप से इस व्रत का दोगुना फल प्राप्त होगा। 1. निर्जला एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी जो दूध, चावल और केसर की खीर बनाकर भोग लगाएं। चूंकि आप उपवास में रहेंगे, इसलिए यह खीर 5 कन्याओं को खिलाएं और परिवार के सदस्यों को भी प्रसाद-स्वरूप दें। यह उपाय आपके पुण्य-फल को बढ़ा देगा। 2. मन, वचन और कर्म से इस दिन किसी की बुराई न करें, मन में किसी के प्रति द्वेष न रखें। बड़े-बुजुर्गों के प्रति आदर भाव रखें, भूल से भी अनादर न करें। इस शुचिता का ध्यान रखने से आपका पुण्य-फल और बढ़ जाएगा। 3. एकादशी के दिन घर के मंदिर में शंख की स्थापना करें और विधिपूर्वक पूजा करें। भगवान विष्णु की पूजा के समय उनकी चरणों में 11 गोमती चक्र रखने से न केवल घर की समृद्धि में वृद्धि होती है, बल्कि पुण्य भी बढ़ता है। ये भी पढ़ें: निर्जला एकादशी के पारण में न करें ये गलतियां, अन्यथा नहीं मिलेगा व्रत का फल ये भी पढ़ें: सोमवार को करें ये 5 उपाय, शिव कृपा से अटके हुए काम में होगी प्रगति, शीघ्र पूरे होंगे सारे कार्य
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।