Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा का जीवन हमेशा से श्रद्धालुओ के लिए प्रेरणा और आश्चर्य का संगम रहा है. उनका सरल स्वभाव, अनोखी करुणा और ईश्वर के प्रति अटल भक्ति ने उन्हें एक महान संत के रूप में स्थापित किया. उन्हें हनुमान जी का स्वरूप माना जाता है. उनके जीवन से जुडी कई घटनाए लोगो को आज भी हैरान कर देती हैं. नीचे उनके मशहूर चमत्कारों और कुछ नए संदर्भों को एक सरल, रोचक और उपयोगी तरीके से प्रस्तुत किया गया है. आइए जानते हैं, बाबा की ये चमकारिक और दिव्य घटनाएं क्या हैं?
ट्रेन को रोक देने वाला चमत्कार
कहा जाता है कि बाबा एक बार बिना टिकट यात्रा कर रहे थे. टिकट चेकर ने उन्हें नीचे उतार दिया. जैसे ही वे प्लेटफॉर्म पर उतरे, ट्रेन आगे बड ही नहीं सकी. इंजन की आवाज आती रही, पर ट्रेन जरा भी न बढी. जब बाबा को सम्मान से वापस बिठाया गया, तभी ट्रेन चल सकी. भक्त इसे उनकी दिव्य शक्ति मानते हैं.
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पानी का घी बन जाना
कैंची धाम में भंडारे के समय घी समाप्त हो गया. बाबा ने कहा कि नदी से पानी ले आओ. जब उस पानी से प्रसाद पकाया गया, तो वह घी की तरह सुगंधित और गाढा हो गया. यह घटना आश्चर्य के साथ-साथ उनकी कृपा का प्रतीक मानी जाती है. सेवादार बताते हैं कि उस दिन बना प्रसाद सामान्य से भी अधिक स्वादिष्ट था, जिसे लोग बाबा की कृपा मानते हैं.
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खारे कुएं का मीठा हो जाना
फर्रुखाबाद में एक कुएं का पानी खारा था. लोग परेशान रहते थे. बाबा के स्पर्श और आशीर्वाद के बाद वही पानी मीठा हो गया. यह घटना आज भी स्थानीय लोगो के बीच चर्चा में रहती है. कई लोगों ने बताया कि इस बदलते पानी के बाद आसपास के गांवो में भी पानी की समस्या काफी कम हो गई. इस घटना को लोग बाबा की करुणा और लोक-कल्याण से जोड़कर देखते हैं.
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धूप से बचाती बादल की छतरी
एक भक्त लंबी यात्रा पर था और तेज धूप में थक चुका था. बाबा ने उसे आशीर्वाद दिया. कहते हैं कि उसके ऊपर पूरे रास्ते बादलों का साया बना रहा. उसे धूप का कष्ट ही नहीं हुआ. उस भक्त ने बताया कि यात्रा पूरी होने तक मौसम बिलकुल सुहाना रहा, जो उस इलाके में बेहद दुर्लभ था. इस अनुभव ने उसके मन में बाबा के प्रति गहरी आस्था जगा दी.
बिना माचिस आग प्रकट करना
कैंची धाम में एक दिन माचिस उपलब्ध नहीं थी. बाबा ने कपास की बत्ती को हल्का सा स्पर्श किया और वह जल उठी. ऐसा माना जाता है कि यह उनकी योग शक्ति का प्रमाण था. आश्रम के सेवादार बताते हैं कि उस समय मौसम बहुत नम था और साधारण परिस्थितियों में आग जलना असंभव था. इसी कारण यह घटना और भी चमत्कारी मानी जाती है.
सैनिक की रक्षा
एक सैनिक युद्ध क्षेत्र में गंभीर संकट में फंस गया था. बाबा ने उसे एक ऊनी कंबल दिया. सैनिक ने बाद में बताया कि उसी कंबल ने उसे मौत से बचाया. सैनिक का कहना था कि कंबल ओढ़ते ही उसे अचानक अजीब सी गर्माहट और सुरक्षा का एहसास हुआ. वह घटना उसके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक क्षण बन गई.
बारिश को रोक देना
हनुमानगढी मंदिर निर्माण के दौरान तेज बारिश होने लगी. बाबा ने ऊपर आकाश की ओर देखा और बारिश थम गई. काम बिना बाधा आगे बढता रहा. मंदिर के निर्माण में जुटे कारीगर आज भी बताते हैं कि उस दिन मौसम पूरी तरह बदल गया था. वे इसे मंदिर निर्माण की दिव्य गति का संकेत मानते हैं.
क्यों हैं बाबा आज भी इतने लोकप्रिय?
बाबा ने कभी चमत्कार का दावा नहीं किया. वे हमेशा कहते थे कि प्रेम और सेवा सबसे बडी साधना है. उनकी शिक्षा सरल थी- दूसरों की मदद करो, ईश्वर पर भरोसा रखो और मन को पवित्र बनाओ. नीम करोली बाबा का जीवन आज भी लाखों लोगो को आध्यात्मिक शक्ति, सकारात्मक सोच और निस्वार्थ प्रेम की राह दिखाता है. उनका हर अनुभव श्रद्धा को मजबूत करता है और जीवन में आशा जगाता है.
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