नौतपा को क्यों कहते हैं 'मानसून का गर्भकाल'?
सूर्य की गर्मी और रोहिणी नक्षत्र के जल तत्व के कारण ये समय मानसून के "गर्भ" में आ जाता है। इसी कारण नौतपा को "मानसून का गर्भकाल" कहा जाता है। कहते हैं कि अगर नौतपा में भयंकर गर्मी होती है तो आगे के दिनों में अच्छी-खासी बारिश होती है। ज्योतिषियों का कहना है कि चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा नक्षत्र से स्वाति नक्षत्र में जाता है तो उस समय अधिक गर्मी पड़ने से नौतपा अच्छा रहता है। वहीं जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है और उस दौरान बारिश हो जाती है तो उसे रोहिणी नक्षत्र का "गलना (गर्भपात)" कहते हैं।जानें कब से होगी मानसून की शुरुआत?
इस साल भारत में मानसून की शुरुआत 8 जून 2025 से हो सकती है क्योंकि 8 जून 2025, वार रविवार तक सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे।नौतपा में इन बातों का रखें खास ध्यान
- नौतपा के दौरान समय-समय पर पानी पिएं।
- राहगीरों और जरूरतमंदों को जल पिलाएं। इससे पुण्य मिलेगा और सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
- गर्भवती महिला और बीमार परिजन का खास ख्याल रखें। डाइट में पानी युक्त चीजों को शामिल करें।
- नौतपा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
सूर्य को खुश करने के लिए क्या करें?
नौतपा के दौरान सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। यदि आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है तो नौतपा के दौरान रोजाना सुबह सूर्य देव की आराधना करें और उन्हें अर्घ्य दें। इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होगी। इसके अलावा इन 9 दिनों में आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करना भी लाभकारी रहेगा। ये भी पढ़ें- Mangal Gochar 2025: 23 जुलाई को सूर्य के नक्षत्र में गोचर करेंगे ग्रहों के सेनापति ‘मंगल’, जानें किन 3 राशियों का चमकेगा भाग्य?
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।