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Kanya Pujan 2025: कन्या पूजन में 9 कन्याओं के साथ क्यों पूजा जाता है एक बालक? जानिए क्या है इसकी वजह

Maha Ashtami 2025: आज शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि है. अष्टमी तिथि को भक्त कन्या पूजन कर अपना व्रत खोलते हैं. कन्या पूजन में भक्त नौ कन्याओं और एक बालक को भोजन कराते हैं.

Credit - Social Media

Kanya Pujan 2025: आज अष्टमी तिथि को कन्या पूजन किया जा रहा है. नवरात्रि में व्रत के बाद भक्त कन्या पूजन कर व्रत खोलते हैं. कन्या पूजन में भक्त नौ कन्याओं के साथ एक बालक को भोजन कराते हैं. कन्या पूजन में इन्हें देवी का रूप मानकर पूजन और भोजन कराया जाता है. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल आता है कि, एक लड़के को कन्या पूजन में क्यों शामिल किया जाता है?

नौ कन्याओं के साथ एक बालक का पूजन

कन्या पूजन में नौ कन्याओं के साथ एक बालक का पूजन होता है. बालक को लंगूर कहते हैं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, नौ कन्याओं को देवी का रूप मानकर और एक बालक को भैरव बाबा के रूप में पूजा जाता है. बाबा भैरव को मां दुर्गा का पहरेदान माना जाता है. इस वजह से कन्या पूजन में एक बालक को भोजन कराना जरूरी होता है.

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कन्या पूजन में दो बालक

कई घरों में कन्या पूजन में नौ कन्याओं के साथ दो लड़के शामिल किए जाते हैं. भक्त कन्या पूजन के दौरान एक बालक को बाबा भैरव नाथ और एक को भगवान गणेश के रूप में पूजते हैं. हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सर्वप्रथम पूजनीय माना जाता है. इसलिए दो बालक को कन्या पूजन में शामिल किया जाता है.

कन्या पूजन में न करें ये गलतियां

कन्या पूजन में सात्विक भोजन परोसना चाहिए. प्याज और लहसुन का भोजन नहीं बनाना चाहिए. बाजार के खाने को भी कन्या को नहीं परोसना चाहिए. किसी भी बालक के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए और पूजन के बाद कन्या और बालक को दक्षिणा जरूर देनी चाहिए.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.


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