TrendingAyodhya Ram MandirDharmendra & Hema MaliniBigg Boss 19Gold Price

---विज्ञापन---

Kaalchakra: सावन में जपें महादेव का महामृत्युंजय मंत्र, टलेगा हर संकट; पंडित सुरेश पांडेय से जानें महत्व और लाभ

Kaalchakra Today: सावन के पवित्र माह में भगवान शिव को समर्पित विभिन्न मंत्रों का जाप किया जाता है। खासकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ होता है। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र के महत्व और जाप करने के लाभ के बारे में।

सांकेतिक फोटो, Credit- News24 Graphics
Kaalchakra Today 28 July 2025: भगवान शिव को समर्पित सावन का पवित्र महीना चल रहा है, जिसका आरंभ 11 जुलाई 2025 से हो गया है। इस माह का समापन 09 अगस्त 2025 को सावन पूर्णिमा की तिथि पर होगा, जिस दिन रक्षा बंधन का त्योहार भी मनाया जाएगा। सावन माह में शिव जी की पूजा करने के साथ-साथ कुछ मंत्रों का जाप करना बेहद लाभदायक रहता है। खासतौर पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ रहता है। ये मंत्र भगवान शिव को समर्पित है, जिसमें महादेव के महामृत्युंजय स्वरूप से आयु रक्षा और रक्षा की प्रार्थना की गई है। कुंडली के कुछ विशेष दोषों को दूर करने में भी महामृत्युंजय मंत्र कारगर साबित होता है। जबकि मंत्र का दीर्घ या लघु स्वरूप जाप करने से व्यक्ति सुरक्षित रहता है। आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको महामृत्युंजय मंत्र के जाप से होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

एकाक्षरी मंत्र

'हौं' को महामृत्युंजय मंत्र का एकाक्षरी मंत्र माना जाता है, जिसका नियमित 108 बार जाप करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। मंत्र का जाप करने के बाद रोगी व्यक्ति अस्पताल में दवाइयां बांटें। साथ ही छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें। ऐसा करने से आपको अपने स्वास्थ्य में सुधार देखने को जरूर मिलेगा। ये भी पढ़ें- Kaalchakra: रुद्राभिषेक के लिए कौन-कौन सी तिथियां हैं शुभ-अशुभ? पंडित सुरेश पांडेय से जानें

त्रयक्षरी मृत्युंजय मंत्र

'ॐ जूं स:' को महामृत्युंजय मंत्र का त्रयक्षरी मृत्युंजय मंत्र माना जाता है। जिन लोगों को बार-बार चोट लग रही है या जो आए-दिन बीमार हो जाते हैं, उन्हें इस मंत्र का जाप करना चाहिए। रात में सोने से पहले कम से कम 27 बार त्रयक्षरी मृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ होता है। अगर संभव हो तो अगले दिन सुबह भी इस मंत्र का जाप करें। साथ ही कुत्तों को दूध-रोटी और चींटियों को चीनी डालें। इस उपाय से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी और आए-दिन होने वाली घटनाएं भी कम होने लगेंगी।

चतुराक्षरी मृत्युंजय मंत्र

'ॐ हौं जूं स:' को महामृत्युंजय मंत्र का चतुराक्षरी मृत्युंजय मंत्र कहा जाता है। सुबह शिव जी को जल अर्पित करके चतुराक्षरी मृत्युंजय मंत्र का कम से कम 3 माला जाप करें। मंत्र का जाप करने के बाद किसी गरीब व्यक्ति को कपड़े का दान करें। बता दें कि इस मंत्र का जाप मेडिकल फील्ड से जुड़े लोगों को जरूर करना चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों का किसी बीमारी के चलते ऑपरेशन होने वाला है, उन्हें भी इसका जाप करना चाहिए। यदि आप महामृत्युंजय मंत्र के जाप से जुड़े अन्य उपायों के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें। ये भी पढ़ें- Kaalchakra: महादेव को खुश करने के लिए शिवलिंग पर अर्पित करें ये पत्ते, पंडित सुरेश पांडेय से जानें महत्व और लाभ डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


Topics: