फुलेरा दूज (12 मार्च 2024)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फुलेरा दूज के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी फूलों की होली खेल थी। मान्यता है कि ब्रज क्षेत्र में फुलेरा दूज से होली की शुरुआत हो जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, फुलेरा दूज के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी पर अबीर-गुलाल और फूल अर्पित करें।श्री कार्ष्णि उदासीन आश्रम (14 मार्च 2024)
भगवान श्री कृष्ण फाल्गुन माह के पंचमी तिथि के दिन संतों के साथ होली खेलते हैं। मान्यता है कि श्री कार्ष्णि उदासीन आश्रम में भक्तों के साथ भगवान होली खेलने आते हैं। यह आश्रम रमणरेती गोकुल में हैं। मान्यता है कि इस आश्रम में संत लोग भगवान श्री कृष्ण के साथ होली खेलते हैं।लड्डूमार होली (17 मार्च 2024)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन माह के अष्टमी तिथि के दिन लड्डूमार होली खेली जाती है। इस दिन नंदगांव से फाग आमंत्रण आते हैं। बता दें कि लड्डूमार होली बरसाना के श्रीजी राधा रानी मंदिर में खेली जाती है।लट्ठमार होली (18 मार्च 2024)
ब्रज क्षेत्र में लट्ठमार होली बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। मान्यता है कि लट्ठमार होली बरसाना और नंदगांव में विशेष रूप से मनाया जाता है। लट्ठमार होली में गोपियां ग्वालों को छड़ी से मारती है।रंगभरनी एकादशी (20 मार्च 2024)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रंगभरनी एकादशी के दिन लठ्ठमार, सांस्कृतिक, फूलों की होली खेली जाती है। यह होली भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली और द्वारिकाधीश मंदिर के साथ श्री बांके बिहारी जी के मंदिर में खेली जाती है।होलिका दहन (24 मार्च 2024)
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूरे देश में होलिका दहन किया जाता है।होली (25 मार्च 2024)
रंग वाली होली 25 मार्च 2024 दिन सोमवार को खेली जाएगी। इस दिन अबीर, गुलाल और रंग से होली खेली जाती है। यह भी पढ़ें- दैत्यों के सेनापति राहु ने बदली अपनी चाल, साल 2025 तक 3 राशियां काटेंगी चांदी
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।