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Does God Exist: क्या भगवान सच में हैं? क्या है इसका प्रमाण? प्रेमानंद महाराज से जानिए इसका जवाब

Does God Exist: भगवान हैं या नहीं, इसको जानना केवल तर्क का विषय नहीं, बल्कि अनुभव का विषय है। प्रेमानंद महाराज का संदेश है कि सच्ची साधना, आस्था और सेवा के जरिए ही हम ईश्वर के अस्तित्व को महसूस कर सकते हैं। जब तक अनुभव नहीं होगा, तब तक उत्तर अधूरा रहेगा। आइए महाराज जी से जानते हैं, क्या भगवान सच में हैं और यदि हैं तो इसका प्रमाण क्या है?

प्रेमानंद महाराज जी को राधा रानी के प्रति उनके अटूट समर्पण और गहरी भक्ति भावना के लिए जाना जाता है।
Does God Exist: 'क्या भगवान हैं?' यह सवाल हर इंसान के मन में कभी न कभी जरूर आता है और यह सवाल हजारों सालों बरकरार है। इस सवाल का जवाब सिर्फ तर्कों या विज्ञान से नहीं, बल्कि अनुभव और आस्था से जुड़ा है। प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज इस प्रश्न का जवाब बड़े सरल और भावनात्मक ढंग से देते हैं। आपको बता दें, प्रेमानंद महाराज वृंदावन में रहते हैं और वे राधा रानी के बहुत बड़े उपासक हैं। उनके दरबार में आम श्रद्धालु के साथ बड़ी से बड़ी हस्ती भी पहुंचते हैं और आशीर्वाद लेते हैं। यहां श्रद्धालु कई प्रकार अपनी समस्याएं और सवाल महाराज जी के समक्ष रखते हैं, जिसका महाराज जी अकाट्य तर्क से सहज जवाब देते हैं। आइए महाराज जी से जानते हैं, क्या भगवान सच में हैं और यदि हैं तो इसका प्रमाण क्या है?

मां ही देती है पिता का प्रमाण

प्रेमानंद महाराज कहते हैं, 'जैसे किसी बच्चे को उसके पिता के होने का प्रमाण सिर्फ उसकी मां ही देती है, वैसे ही भगवान के अस्तित्व का प्रमाण सद्गुरु रूपी मां देती है।' यानी एक सच्चे गुरु के मार्गदर्शन में ही ईश्वर की अनुभूति संभव है।

साधना से मिलेगा अनुभव

महाराज जी बताते हैं कि भगवान को जानने के लिए साधना, पवित्र आहार, और अच्छे कर्म जरूरी हैं। वह कहते हैं, 'एक वर्ष तक जो नाम बताया जाए, उतनी संख्या में जप करो। फिर अनुभव अपने आप जागृत होगा।' यह ज्ञान बुद्धि से नहीं, कृपा से आता है और तब जिस तरह ये आपको अनुभव होता है, वही आपके लिए भगवान के होने का प्रमाण बनेगा।

प्रकृति खुद है प्रमाण

वो यह भी समझाते हैं कि जब प्रकृति है, तो उसका कोई रचनाकार भी होगा। जैसे पुत्र है तो उसका कोई पिता है, वैसे ही यह संसार अपने आप नहीं बना है।

आध्यात्मिक और व्यक्तिगत अनुभव

कई लोग ध्यान, प्रार्थना, या कठिन समय में एक अदृश्य शक्ति को अनुभव करते हैं। यह अनुभव खुद में एक प्रमाण बन जाते हैं, जो किसी बाहरी प्रमाण से अधिक प्रभावशाली होते हैं।

वैज्ञानिक और दार्शनिक तर्क

कुछ तर्क जो भगवान के अस्तित्व की ओर इशारा करते हैं:
  • ब्रह्मांड की व्यवस्था: गुरुत्वाकर्षण, प्रकाश की गति जैसे नियम इतने सटीक हैं कि यह किसी 'डिज़ाइनर' का संकेत देते हैं, ये अपने आप नियंत्रिक नहीं हो सकते हैं।
  • पहला कारण सिद्धांत: हर चीज़ के पीछे कोई न कोई कारण होता है, तो इस सृष्टि के पीछे भी कोई प्रथम कारण है और वह ईश्वर ही हो सकता है यानी ईश्वर होना चाहिए।
  • नैतिकता का स्रोत: अच्छाई-बुराई की समझ अपने आप नहीं आती, इसके पीछे कोई उच्च नैतिक सत्ता जरूर है, जो दिव्य और ईश्वरीय होती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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