Chhath Puja 2025: छठ महापर्व की शुरूआत 25 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ हो गई थी. आज छठ पूजा का दूसरा दिन खरना पूजा है. खरना पूजा के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है. छठ के दूसरे दिन खरना अनुष्ठान पर दिन भर उपवास किया जाता है और शाम को सूर्यास्त के बाद व्रती भगवान की पूजा-अर्चना करती हैं. इसके बाद गुड़ की खीर, रोटी, केला का नैवेद्य भोग लगाने के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं. इसके बाद प्रसाद को वितरित किया जाता है. इस प्रक्रिया के बाद से ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है.
शुरू होगा व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास
---विज्ञापन---
आज छट महापर्व का दूसरा दिन यानी खरना पूजा है. खरना पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 35 मिनट से लेकर रात को 8 बजकर 22 मिनट तक है. इस मुहूर्त के दौरान व्रती लोग पूजा कर प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं जिसके बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा. निर्जला उपवास शुरू होने के बाद सोमवार की शाम को व्रती अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देंगे और इसके बाद सप्तमी तिथि यानी मंगलवार को उषा अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगे.
---विज्ञापन---
ये भी पढ़ें – Chhath Puja Arghya Mantra: संध्या और उषा अर्घ्य देते समय करें सूर्य के इन मंत्रों का जाप, बनेंगे बिगड़े काम
खरना से पारण तक बरसेगी छठी मैया की कृपा
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि, खरना पूजा के बाद से लेकर व्रत के पारण तक व्रती श्रद्धालु पर छठी मैया की विशेष कृपा होती है. यह समय शरीर, मन और आत्मा को शुद्धी का प्रतीक माना जाता है. व्रती श्रद्धालु को खरना पूजा के बाद गुड़ की खीर और घी की रोटी खाने के बाद व्रत का पारण करके ही भोजन करना होता है. ध्यान रहे व्रत के पारण में प्रसाद ग्रहण करना चाहिए और सात्विक और हल्का भोजन करना चाहिए. बता दें, आज खरना पूजा के बाद कल यानी 27 अक्टूबर को सूर्यास्त को पहला अर्घ्य और 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को आखिरी अर्घ्य दिया जाएगा.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.