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Amalaki Ekadshi Puja: आमलकी एकादशी इसलिए है बेहद खास, इस दिन भूल से भी न करें ये 5 गलतियां

Amalaki Ekadashi Puja: भगवान विष्णु को समर्पित फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की आमलकी एकादशी का व्रत 10 मार्च, 2025 को रखा जाएगा। आइए जानते है, आमलकी एकादशी इतना खास क्यों है, इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा क्यों करते हैं और इस व्रत के दिन कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए?

Amalaki Ekadashi Puja: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहते हैं। इस एकादशी का व्रत इस वर्ष 10 मार्च 2025 को रखा जाएगा। इस एकादशी को आमला या आवंला एकादशी और रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है।

आमलकी एकादशी इसलिए है बेहद खास

धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान ब्रह्मा सृष्टि की रचना कर रहे थे, तब आंवला वृक्ष का भी प्रकट हुआ था। यही कारण है कि हिंदू धर्म में आंवला को तुलसी और पीपल की तरह ही शुभ और सौभाग्यदायक माना गया है। विशेष रूप से आमलकी एकादशी के दिन इस वृक्ष की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शुद्धता का वास माना जाता है।

इसलिए करते हैं आंवला का पूजन

आंवला का वृक्ष भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय माना गया है। इसकी महिमा का उल्लेख शास्त्रों में विस्तार से किया गया है। कहा जाता है कि मात्र इसके स्मरण से ही गोदान के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, आंवला वृक्ष में विभिन्न देवताओं का वास होता है। कहते हैं, इसके मूल (जड़) में भगवान विष्णु, ऊपरी भाग में ब्रह्मा, स्कंध (तने) में भगवान रुद्र, शाखाओं में मुनिगण, टहनियों में देवता, पत्तों में वसु और फूलों में मरुद्गण निवास करते हैं। आंवला न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी और सेवन योग्य फल है, जिसे अमृतफल कहा गया है। ये भी पढ़ें: Holi 2025: होली से पहले घर में रख दें ये 5 चीजें, घर से कभी नहीं जाएंगी मां लक्ष्मी!

एकादशी व्रत से पहले जान लें ये नियम

यदि आप आमलकी एकादशी व्रत का पालन करने वाले हैं या आप पहली बार एकादशी का व्रत रख रहे हैं, तो उससे पूर्व यह जानना आवश्यक है कि इस दिन कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए और किन नियमों का पालन करने से व्रत अधिक शुभ और फलदायी बन सकता है। सही विधि से व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आइए जानते हैं आमलकी एकादशी पर क्या करें और कौन-सी गलतियां करने से बचें?

आमलकी एकादशी: व्रत और पूजा के नियम

आंवला वृक्ष पूजन

आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ आंवला वृक्ष की भी पूजा जरूर करें। इस दिन आंवले से बनी चीजों का सेवन शुभ माना जाता है और मांस-मदिरा, प्याज-लहसुन, मसूर की दाल और चावल खाने से बचें।

तुलसी दल से जुड़े नियम

विष्णु पूजा में तुलसी के पत्ते चढ़ाना अत्यंत शुभ होता है, लेकिन एकादशी के दिन तुलसी पत्ते तोड़ने से परहेज करें। पहले से ही तुलसी पत्ते तोड़कर रख लें ताकि नियम का पालन हो सके।

मन और वचन की शुद्धता

केवल आमलकी एकादशी व्रतधारियों को इस दिन किसी के प्रति गलत विचार नहीं लाने चाहिए। साथ ही, वाद-विवाद, क्रोध और नकारात्मक भावनाओं से भी दूर रहना चाहिए, ताकि व्रत का पूरा लाभ मिल सके।

सौंदर्य-सज्जा से परहेज

यह परंपरा सदियों से चली आ रही है न केवल आमलकी बल्कि किसी भी एकादशी पर बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन दाढ़ी बनाने से भी परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।

सादगीपूर्ण स्नान

यदि आप यह एकादशी का व्रत रख रहे हैं, ध्यान रखिए कि इस दिन स्नान में साबुन या शैंपू का उपयोग न करें। इस दिन केवल सादे पानी से स्नान करना शुभ और शुद्ध माना गया है। आप चाहें पानी में गंगाजल मिला सकते हैं। यहां बताए गए ये नियम शास्त्रों और व्रत विधान की पुस्तकों में वर्णित हैं, जिसका पालन कर आप आमलकी एकादशी का संपूर्ण पुण्य प्राप्त कर सकते हैं और भगवान विष्णु की कृपा पा सकते हैं। ये भी पढ़ें: Most Romantic Zodiac Signs: डेटिंग के लिए ये 5 राशियां होती हैं सबसे रोमांटिक, इनसे जुड़ने के लिए तरसते हैं लोग! डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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