Nag Devta Ki Aarti Lyrics In Hindi: नागदेवता की पूजा का खास धार्मिक महत्व है. हिंदू धर्म में नाग पूजनीय है. भगवान शिव के गले में नाग देवता है और भगवान विष्णु के शयन शेषनाग हैं. नाग की पूजा से भक्तों को कई लाभ मिलते हैं. नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष खत्म होता है. पारिवारिक सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए नाग देवता की पूजा करना शुभ होता है. इससे भगवान शिव की कृपा सदा बनी रहती है. नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा के साथ ही आरती अवश्य करनी चाहिए. नाग देवता की पूजा और आरती करने से आपको शुभ फल मिलेंगे.
नाग देवता की आरती (Nag Devta Ki Aarti)
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आरती कीजे श्री नाग देवता की,
भूमि का भार वहनकर्ता की।
उग्र रूप है तुम्हारा देवा भक्त,
सभी करते है सेवा॥
मनोकामना पूरण करते,
तन-मन से जो सेवा करते।
आरती कीजे श्री नाग देवता की॥
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भक्तों के संकट हारी की आरती,
कीजे श्री नागदेवता की।
आरती कीजे श्री नाग देवता की॥
महादेव के गले की शोभा,
ग्राम देवता मै है पूजा।
श्वेत वर्ण है तुम्हारी ध्वजा॥
दास ऊंकार पर रहती कृपा,
सहस्त्रफनधारी की।
आरती कीजे श्री नाग देवता की,
भूमि का भार वहनकर्ता की॥
आरती कीजे श्री नाग देवता की॥
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नाग देवता पूजा विधि (Nag Devta Puja Vidhi)
नाग देवता की पूजा के लिए आप स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहन लें. इसके बाद घर और पूजा स्थल की सफाई कर गंगाजल से शुद्ध करें. लकड़ी की चौकी स्थापित करें और इसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर नाग देव की प्रतिमा विराजमान करें. नाग देवता को चावल, रोली, हल्दी और दूध अर्पित करें. इसके साथ ही दीपक प्रज्वलित करें. नाग देवता के मंत्रोंं का जाप करें और आरती करके भोग लगाएं.
नाग देवता की पूजा के लाभ
कुंडली में कालसर्प दोष होता है तो नागदेवता की पूजा करने से इससे मुक्ति मिलती है. राहु-केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं. भय, बुरे सपने और नकारात्मकता खत्म होती है. नाग देवता की पूजा से घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. व्यक्ति को विष दोष और विष से जुड़े रोग नहीं होते हैं.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.