Manoj PandeySwami Prasad Maurya Controversial Statement: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एनसीईआरटी के उस प्रस्ताव को लेकर टिप्पणी कर दी है, जिसमें छात्र-छात्राओं को रामायण और श्रीमद्भागवत पढ़ाने की बात कही जा रही थी। स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि बच्चों को रामायण महाभारत नही पढ़नी चाहिए। यही नहीं आपको बता दे स्वामी प्रसाद मौर्य का दिवाली पर माता लक्ष्मी पर दिए गए बयान का विवाद अभी थमा नहीं था कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक और विवादित पोस्ट कर दिया जिसको लेकर यूपी की राजनीति गरमाई हुई है।
स्वामी प्रसाद ने पोस्ट करते हुए लिखा
स्वामी प्रसाद मौर्या ने पोस्ट करते हुए लिखा कि आज वैसे ही बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा और महिला उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं। कहीं दलित, आदिवासी, पिछड़े समाज के लोगों पर पेशाब करना, मल-मूत्र का लेपन करना और समय से फीस न जमा करने पर बच्चों की पिटाई कर मौत की नींद सुला देना।
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इसके साथ ही कहीं महिलाओं के साथ सामूहिक दुराचार के बाद हत्या कर लाश के टुकड़े-टुकड़े कर देना, कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसर में भी छात्राएं अपमानित अपमानित करते हैं इसके बाद आत्महत्या जैसी घटनाएं घटित होती है स्वामी प्रसाद मौर्य ने पूछा कि क्या एनसीईआरटी और सरकार, रामायण-महाभारत को पाठयक्रम में शामिल कर सीता, शूर्पणखा-द्रोपदी जैसी महान देवियों को अग्नि परीक्षा के बाद भी परित्याग, वैवाहिक प्रस्ताव पर नाक-कान काटने की त्रास दी, द्रोपदी जैसी अन्य तमाम देवियों के चीरहरण को बढ़ावा देना चाहती है
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पहले भी दे चुके हैं बयान
स्वामी प्रसाद मौर्या इससे पहले भी इस तरह के विवादित बयान दे चुके है। पिछले बयान में उन्होने कहा कि ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। आपको बता दें कि स्वामाी प्रसाद मौर्या अपने विवादित बयान की वजह से हमेशा चर्चा में रहते है।