हिंसा और आतंकवाद से जल रही मिट्टी! क्या जम्मू कश्मीर भाजपा के एजेंडे से बाहर हो गया?
Jammu Kashmir Army Security
इन्द्रजीत सिंह, मुंबई
Modi Government Ignoring Jammu Kashmir Violence: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह जहां 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार में जुटे हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर में खून-खराबा, हत्या और हिंसा भड़की हुई है। पिछले 24 घंटे में जम्मू-कश्मीर में तीसरा आतंकी हमला हुआ है। श्रीनगर में अपने छोटे बेटे के साथ क्रिकेट खेल रहे इंस्पेक्टर मसरूर अहमद को आतंकियों ने दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया, लेकिन लगता है कि भाजपा के अंधभक्तों ने इस खबर को नजरअंदाज कर दिया है। मसरूर की जगह यदि कोई महादेव सिंह, यमुना प्रसाद मारा जाता तो भाजपा पाकिस्तान के आतंकवाद पर गला फाड़-फाड़कर चिल्लाती। इसके बाद पुलवामा में आतंकवादियों ने उत्तर के मजदूर मुकेश कुमार की हत्या कर दी। मंगलवार को आतंकवादियों ने बारामुल्ला जिले में गुलाम मोहम्मद डार नामक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी।
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धारा 370 हटने के 4 साल बाद भी चुनाव नहीं हुए
केरल में बम विस्फोट हुआ, जिसमें 2 लोगों की मौत हुई और 50 लोग घायल हुए। केरल में भाजपा की सरकार नहीं है, इसलिए भाजपा ने केरल में हुए आतंकी हमले पर हंगामा खड़ा कर दिया, लेकिन यही लोग मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र पर चुप हैं। कश्मीर घाटी में पिछले 4 महीनों में 25 से ज्यादा सैन्य अधिकारियों को आतंकवादियों के हाथों अपनी जान गंवानी पड़ी। सीमा पार से रोजाना सीजफायर का उल्लंघन हो रहा है। कश्मीर से धारा-370 हटाए 4 वर्ष बीत जाने के बावजूद केंद्र सरकार यहां विधानसभा चुनाव नहीं करा पाई है। सरकार मुंबई महानगर पालिका चुनाव कराने से घबरा रही है, उसी तरह जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव कराने से घबरा रही है। 2014 से कश्मीरी जनता से किए वादों का क्या हुआ? कश्मीरी पंडितों की घर वापसी तो हुई ही नहीं, उलटे उनकी हालत और खराब हो गई। घाटी का व्यापार, उद्योग, लेन-देन आज भी सुचारु नहीं है। इंटरनेट सेवा बंद है। संचार पर पाबंदी है।
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भाजपा का ध्यान राम मंदिर पर, कश्मीर भूल गए
धारा-370 हटाने के बाद न यहां के युवाओं को काम मिला, न ही वहां नए उद्योग-धंधे आए। आज भी सेना के भरोसे थोड़ी बहुत कानून-व्यवस्था कायम है। इसे एक गंभीर मामला कहा जा सकता है और अब मोदी मैदान छोड़कर भाग गए हैं। कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादी रोज हमले करते हैं। वहीं मोदी-शाह के अहमदाबाद में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम पर फूल बरसाकर, लाल कालीन बिछाकर स्वागत में शहनाइयां बजाई जाती हैं। क्या यह कश्मीर में हिंदुओं और जवानों द्वारा बहाए गए खून का अपमान नहीं है? कश्मीर का मुद्दा अब भाजपा के ‘एजेंडे’ से बाहर हो गया है। कश्मीर का सितार बजाने से वोट नहीं मिलेंगे। इसलिए उनका ध्यान अयोध्या के राम मंदिर पर है, लेकिन वे भूल गए होंगे कि यह उसी श्रीराम के भक्त हैं, जिनकी हत्या कश्मीर में हो रही है।
देशभर में इन दिनों भाजपा का राजनीतिक उत्सव ‘मेरी माटी मेरा देश’ चल रहा है, लेकिन कई राज्यों के कलश में सिर्फ मिट्टी नहीं है, बल्कि महिलाओं की चीखें, आग, चिंगारी, निर्दोषों का खून भी है, यह ध्यान में रखें। कश्मीर की हिंसा, महाराष्ट्र, मणिपुर के आंदोलन को बेफिक्र होकर देखने वाली भाजपा की मोदी सरकार देश की मिट्टी की कीमत क्या समझेगी?
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