क्या अब किरण राव शादी पर फिल्म भी नहीं बना सकती हैं? क्यों इतने टॉक्सिक हो रहे हैं हम!
Aamir Khan, Kirron Rao
Kiron Rao New Movie Theme Marriage Controversy: बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की एक्स पार्टनर किरण राव इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हो रही हैं। ट्रोलिंग की वजह है उनकी नई फिल्म का सब्जेक्ट शादी, जिसकी चर्चा उन्हें ट्रोल करने वाले खुलकर कर रहे हैं, जबकि ट्रोलिंग का असली मुद्दा तो किरण और आमिर की शादी का टूटना है। शादी टूटने का दोष किरण पर मढ़ना है कि किरण अपनी शादी नहीं चला पाईं तो वे विवाह जैसे पवित्र बंधन पर फिल्म बनाने का नैतिक हक भी खो चुकी हैं। इसलिए किरण राव को ट्रोल करने वालों ने शादी जैसे विषय से दूर रहने की सलाह भी दे दी है, लेकिन अगर कोई शख्स शादी के बंधन से अलग होता है तो क्या उसे उस विषय पर बात करने का हक नहीं है, यह अस्वीकार्य है। सफलता और विफलता जीवन का हिस्सा है। सफलता यदि आत्मविश्वास के साथ खुद पर गर्व करने का नाम है तो विफलता जीवन को समझने का विश्लेषण कराती है। विफलता व्यक्ति को उसकी कमजोरियों का अहसास दिलाती है। उसे बताती है कि वह कहां गलत था। अब यह विफलता चाहे कारोबार में हो या रिश्तों में, इसमें सीखने के लिए काफी कुछ होता है।
समाज का रिवाज- महिलाओं को कसूरवार ठहराना
प्रोफेशनल लाइफ हो या पर्सनल, जहां एक से ज्यादा व्यक्तियों का समावेश होता है, वहां सफलता या विफलता किसी एक पर नहीं टिकी होती। इसलिए किसी एक पर अंगुली उठाना पूरी तरह गलत है। हालांकि, जब रिश्ते की बात आती है तो हमारा समाज विफलता के लिए किसी एक को कसूरवार ठहराना ज्यादा पसंद करता है। वहीं पसंद का यह पलड़ा महिला की तरफ ज्यादा झुक जाता है। पूरी तरह मान लिया जाता है कि रिश्ते की गाड़ी को पटरी से उतारने की जिम्मेदारी महिला की ही है। उस पर जिम्मेदारी का बोझ लाद दिया जाता है। रिश्तों पर उसकी कोई सलाह, सोच औचित्यहीन और आधारहीन बन जाती है। इस तरह की सोच का सामना केवल लोअर क्लास या मिडिल क्लास ही नहीं, बल्कि अपर क्लास की महिलाओं को भी करना पड़ता है।
शादी नहीं बचा पाना, किरण का सही आंकलन नहीं
एक्टर आमिर खान की वाइफ किरण राव को लेकर सोशल मीडिया पर जो कुछ चल रहा है, वह इसी का नमूना है। दरअसल, किरण शादी पर फिल्म बनाने वाली हैं, लेकिन चूंकि वह खुद शादी के रिश्ते में विफल रही हैं, इसलिए कुछ लोगों को उनका शादी पर बात करना, शादी विषय पर फिल्म बनाना रास नहीं आ रहा है। उन्हें लगता है कि किरण राव को यदि शादी की इतनी ही समझ होती तो आमिर के साथ उनका रिश्ता यूं ही न टूटता। आमिर और किरण की शादी ज्यादा लंबी नहीं चली, यह तो पूरी तरह सच है, लेकिन इसके लिए किरण को कसूरवार ठहराना और यह मान लेना कि उन्हें रिश्तों की समझ नहीं, सही आंकलन नहीं है।
मूवी बनाने दें, देखने के बाद ही लोग प्रतिक्रिया दें
किसी रिश्ते को समझने के लिए उसे लंबे वक्त तक जीना जरूरी नहीं। समझने वाले चंद पलों में ही सबकुछ समझ जाते हैं। वहीं न समझने वालों के लिए पूरी उम्र कम पड़ जाती है। शादी पर फिल्म बनाने के लिए निर्माता का शादी में सफल होना जरूरी नहीं है। वैसे भी रिश्ते में रहना, न रहना किरण और आमिर का निजी फैसला था, लेकिन उसे आधार बनाकर किसी को कटघरे में खड़ा करना, दूसरों की जिंदगी में दखलंदाजी की आदत के अलावा कुछ नहीं है। इस आदत को अब बदला जाना चाहिए। आज जब हम आर्टिफियल इंटेलिजेंस की बात करते हैं तो इस तरह की सोच हमारे मानसिक विकास पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। बेहतर होगा कि हम पहले किरण राव को फिल्म बनाने दें और उसे देखने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दें, लेकिन वह रिएक्शन भी उनकी फिल्म निर्माण कला पर होना चाहिए, न कि उनकी पर्सनल लाइफ पर।
दोनों ने अपने रिश्तों-अलगाव को बखूबी हैंडल किया
यहां एक बात और काबिलेगौर है। एक असफल रिश्ता इसकी खूबी और कमी दोनों को स्पष्टता से रेखांकित करता है। अगर आप एक मेच्योर इंसान हैं तो इन सबसे सीख कर आगे बढ़ते हैं। आमिर और किरण के रिश्ते की खूबसूरती यही है कि अलग होने के बावजूद वे परिवार से भावनात्मक तौर पर जुड़े हैं। अक्सर समारोहों में दोनों साथ नजर आते हैं। किरण आमिर खान के प्रोडक्शन के लिए फ़िल्म बना रही है, क्या यह इस बात का सुबूत नहीं कि दोनों ने अपने रिश्तों और अलगाव को बखूबी हैंडल किया है। दरअसल यह देखने, सोचने और सीखने वाली बात है, न कि ट्रोल करके उनका कद कम करने की, नकारात्मक अप्रोच अपनाने की।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.