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Smriti Irani, Menstruation को हैंडीकैप से कंपेयर करना ठीक नहीं!

Opinion on Menstruation Cycle is not a Handicap: स्मृति ईरानी ने पीरियड्स लीव पर क्या मेंस्ट्रुअल साइकिल की तुलना हैंडीकैप से की है?

Opinion on Menstruation Cycle is not a Handicap: पूर्व टीवी अभिनेत्री और लोकसभा की सदस्य स्मृति ईरानी ने एक ऐसी बात बोल दी है जो शायद एक महिला के तौर पर आपको भी खटक सकती है। जबकि, एक बॉस या मंत्री के पद के हिसाब से आप भी इस बात पर हामी भर सकते हैं। दरअसल, हमारी देश की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने पीरियड्स लीव पर अपनी राय दी है, उन्होंने कहा कि मेंस्ट्रुअल साइकिल के चलते कोई हैंडीकैप नहीं होता है और इसके लिए पेड लीव दी जाए ये भी जरूरी नहीं है। जहां एक तरफ महिलाएं समानता की बात करती हैं तो इस मामले में क्यों फिर उन्हें पीरियड्स के नाम पर छुट्टी चाहिए? मेरे हिसाब से तो ईरानी ने एक मंत्री पद के कारण मेंस्ट्रुअल साइकिल का दर्द हैंडीकैप से जोड़ दिया है। जबकि, महिला की नजर से देखा जाए तो इस दौरान होने वाले दर्द का एहसास सभी के लिए अलग-अलग हो सकता है। ठीक वैसे ही जैसे पीरियड्स को माहवारी, महीना, एमसी, रजोधर्म और मेंस्ट्रुअल साइकिल के नाम से लोगों के बीच जाना जाता है। स्मृति ईरानी के बयान को सुनने के बाद तो मैं उनसे कुछ हद तक सहमत भी हूं मगर नाराज भी। हालांकि, मेरी नाराजगी से उन्हें खास फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन कई महिलाएं अगर उनसे नाराज हो गईं तो शायद उनका घाटा हो सकता है। खैर मेरी नाराजगी ये है कि उन्होंने पेड लीव न देने का तर्क थोड़ा गलत तरीके से दिया है। पीरियड्स के दर्द को हैंडीकैप से जोड़ा जाए, ये तो सही नहीं है। इससे तो मैडम जी आप पर हैंडीकैप भी गुस्सा हो सकते हैं। खैर अभी तक तो आपको महिलाओं की तरफ से ही अलग-अलग तर्क सुनने को मिल रहे होंगे, जिनमें से एक मैं भी हूं लेकिन तर्कबाजी के लिए नहीं, बस आप तक अपनी बात पहुंचाने के लिए। एक किस्सा मुझे भी याद है जब पीरियड्स के दिनों में होने वाले दर्द क्या होते हैं और कैसे होते हैं उसका एहसास ही नहीं था, मेरे सामने अगर कोई अपना पीरियड्स का दर्द गाता तो मैं हंस देती थी या उस पर गुस्सा भी हो जाया करती थी कि ऐसा कुछ नहीं होता और ये सब बस ड्रामा है, लेकिन कहते हैं न, जब खुद पर बन आती है तो इंसान को दुख या तकलीफ का एहसास तभी होता है। ठीक वैसे ही मेरे साथ भी हुआ था पीरियड्स के दिनों होने वाले दर्द के एहसास से मैं भी अनजान थी, लेकिन जब सामना करना पड़ा तो यकीनन ऐसा महसूस हुआ कि जैसे शरीर में जान ही नहीं बची है। शुरुआत के दो दिन गुजारने बहुत मुश्किल हो गए थे, खाना-पीना तो दूर की बात है न लेटने को बना और न ही बैठने को। ऐसे अनुभव के साथ तो मैं ये ही कहूंगी कि पेड लीव का पता नहीं लेकिन हां, पीरियड्स के शुरुआती 1 दिन तो महिला को आराम के लिए छुट्टी मिलनी चाहिए। बात करूं स्मृति ईरानी के मेंस्ट्रुअल साइकिल बयान पर मेरे हामी की तो इस लिहाज से मैं जरूर आपके साथ हूं कि महिलाएं जब समानता की बात करती हैं तो वो क्यों मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान पेड छुट्टी की मांग करके अपने आपको पुरुषों से कमजोर बताना चाहती हैं। अगर आप इस लिहाज से पेड पीरियड्स लीव देने की मनाही करती हैं तो इसमें शायद कोई गलत बात नहीं है, लेकिन अगर आप हैंडीकैप से पीरियड्स के दर्द की तुलना करके पेड लीव की मनाही कर रही हैं, तो इससे आप महिला और हैंडीकैप दोनों का अपमान कर रही हैं। [embed] वीडियो में आपने देख ही लिया होगा कि मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान पीरियड्स लीव को लेकर केंद्रीय कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी ने क्या कहा है। इसे लेकर आपका क्या कहना है ये हमें जरूर बताएं।


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