टेक कम्पनियों की जवाबदेही तय करने का वक्त…
प्रत्यक्ष मिश्रा
Online Gaming Platforms Responsibility : अभी हाल ही में 'महादेव बैटिंग ऐप' ऑनलाइन सट्टेबाजी से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। वित्तीय मामलों में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को लेकर ईडी ने ताबड़तोड़ छापेमारी की थी, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की छापेमारी में सौरभ चंद्राकर का नाम सामने आया, वहीं 417 करोड़ रुपये समेत सोना और आभूषण जब्त किए गए। यह ठगी 'महादेव बेटिंग ऐप' नाम के ऑनलाइन सट्टेबाजी एप के जरिए की जा रही थी, जिसमें 14 सितारों के नाम भी शामिल हैं।
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टेक कंपनियों की जवाबदेही
अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने गेमिंग प्लेटफॉर्म पर 28 % टैक्स लगाने के लिए जीएसटी संशोधन को मंजूरी दी है। सरकार अक्सर कहती है कि बड़ी तकनीकी कंपनियों को उनके प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या को देखते हुए जवाबदेह होने की जरूरत है। इंटरनेट कंपनियों को ओपन होने के साथ-साथ सुरक्षा और विश्वास भी बनाए रखना चाहिए। धारा 79 के तहत दायित्व से बचने के लिए, इंटरनेट कंपनियों के लिए यह आवश्यक है कि वे उस व्यक्ति की पहचान करने की जिम्मेदारी लें जो उनके मंच पर पहली बार ऐसी टिप्पणी(अभद्र) करता है।
क्या कहते हैं कानून ?
ऑनलाइन गेमिंग प्लैटफॉर्म्स, भारतीय स्टार्टअप्स के लिए अरबों डॉलर का अवसर है, वहीं पीएम नरेंद्र मोदी की 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण है, लेकिन इन प्लेटफॉर्म्स पर कुछ हद तक अंकुश लगाना भी जरूरी होता है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की डिजिटल मीडिया आचार संहिता और धारा 87 इन प्लेटफॉर्म्स की सीमा तय करते हैं। धारा 79 की उपधारा (2) के मुताबिक तहत मध्यस्थों द्वारा पालन किए जाने वाले दिशा-निर्देश तय किए गए हैं, इसके तहत किसी व्यक्ति द्वारा कानून द्वारा उचित ठहराया जाना, या तथ्य की गलती से उचित ठहराया जाना, कुछ भी ऐसा अपराध नहीं है जो किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जो कानून द्वारा न्यायसंगत है।
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