TrendingT20 World Cup 2026Bangladesh ViolencePollution

---विज्ञापन---

‘दंगाइयों पर कार्रवाई करेंगे फड़णवीस’, स्पष्ट करें करेंगे क्या? रिया की बदनामी की भरपाई कैसे?

देशभक्त कौन और देशद्रोही कौन, यह तय करेगा कौन? ये एक बड़ा सवाल है जो सामना ने उठाया है। नागपुर दंगों, सुशांत सिंह राजपूत केस और महाराष्ट्र की राजनीति और औरंगजेब की कब्र पर क्यों हो रही हिंसा ऐसे ही कई तीखे सवाल।

नागपुर के दंगाइयों को नहीं छोड़ेंगे और उनसे ही नुकसान की भरपाई वसूल करेंगे, ऐसा मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है। दंगाइयों पर कार्रवाई करेंगे, मतलब स्पष्ट करें कि करेंगे क्या? असली दंगाई तो फडणवीस के मंत्रिमंडल में बैठे हैं और कार्रवाई का झटका तो सबसे पहले उन्हीं पर पड़ना चाहिए। औरंगजेब की कब्र तोड़ने के लिए उकसाने वाले मंत्री महाराष्ट्र की सरकार में मौजूद हैं। ये मंत्री, भाजपा के विधायक और घाती गुट के ढोंगी हिंदुत्ववादियों ने महाराष्ट्र का माहौल खराब किया है।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर सवाल

पांच साल पहले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी। इस आत्महत्या को ‘हत्या’, ‘खून’ जैसे शब्दों से मढ़ करके भाजपा समर्थकों ने मृतक के दुख का जमकर फायदा उठाने की कोशिश की। इस मामले में रिया चक्रवर्ती प्रताड़ित हुई। अब सीबीआई ने सुशांत सिंह मामले में अपनी क्लोजर रिपोर्ट पेश की है। सीबीआई ने रिया चक्रवर्ती को क्लीन चिट दे दी। जिस तरह से रिया चक्रवर्ती को आरोपी के कटघरे में लाकर बदनाम किया गया, उन्हें जेल भेजा गया, उसकी भरपाई कौन करेगा? लेकिन उससे भी ज्यादा घिनौना काम भाजपा और उसके भाड़े के टट्टुओं ने किया। कंगना रनौत जैसे लोगों को तो मुंबई में रहना पाकिस्तान में रहने जैसा लगता था। अब सीबीआई द्वारा सुशांत सिंह मामले में ली गई भूमिका पर उनकी क्या राय है? यह भी पढ़ें: मुफ्त बिजली पर दिल्ली बजट में हो सकता है बड़ा ऐलान, जानें रेट बढ़ सकते हैं नहीं

नागपुर के दंगों पर राजनीति क्यों?

मुख्यमंत्री कहते हैं कि दंगाइयों को नहीं छोड़ेंगे। ठीक उसी तरह, इन ‘झूठे’ लोगों को भी नहीं छोड़ना चाहिए। औरंगजेब, सुशांत सिंह राजपूत, दिशा सालियन जैसे मृतकों के नाम पर बाजार गर्म करके राजनीति करने की निर्लज्जता बढ़ गई है। मुख्यमंत्री चिंता व्यक्त करते हैं कि नागपुर के दंगों पर राजनीति हो रही है? मुख्यमंत्री महोदय, असली राजनीति कौन कर रहा है और दंगों की आग में तेल कौन डाल रहा है? अगर इसकी सच्चाई से पड़ताल की जाए तो सच सामने आ जाएगा। मुख्यमंत्री की भूमिका कठोर है, लेकिन देशभक्त कौन और देशद्रोही कौन, यह तय करेगा कौन?

नागपुर में हुई राजनीतिक टेस्टिंग

औरंगजेब की कब्र तोड़ने को उकसाने वाले तुम्हारे ही मंत्रिमंडल में हैं। देशभक्ति का प्रमाणपत्र यही लोग देंगे और दंगों को प्रोत्साहन भी यही लोग, यह कैसे चलेगा? नागपुर की हिंसा यह महाराष्ट्र में बड़े दंगे करवाने की एक पूर्व तैयारी है। लोगों को भड़काना और हिंसा करवाना संभव है, इसकी राजनीतिक टेस्टिंग नागपुर में हो चुकी है। दंगों का रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च हो जाने के बाद मुख्यमंत्री कहते हैं, दंगाइयों को नहीं छोड़ेंगे। असल में दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत मुख्यमंत्री को अपने ही कैबिनेट से करनी चाहिए। धनंजय मुंडे के समर्थकों ने बीड जिले में गुंडागर्दी और दमनशाही का उत्पात मचाया, उससे हत्याएं और वसूली के मामले बढ़ गए। जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से मुंडे के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछा, तो उनका जवाब क्या था? ‘बिना वजह हवा में तीर मत छोड़ो। अगर धनंजय मुंडे के खिलाफ कोई सबूत है तो लेकर आओ, हम कार्रवाई करेंगे।’ यानी पुलिस कुछ नहीं करेगी! फिर तुम कुर्सी क्यों गर्म कर रहे हो? अगर दंगा भड़काने वाले मंत्रियों पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो आपकी यह ‘नहीं छोड़ेंगे’ की भाषा निरर्थक है। यह भी पढ़ें: ट्रैफिक चालान के बढ़ चुके हैं रेट, हेलमेट न पहनने और ओवर स्पीडिंग करने पर कितना करना होगा भुगतान


Topics:

---विज्ञापन---