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पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी का संकेत तो भारत के पास आत्मनिर्भर बनने का अवसर

Independence Day: आने वाले 10 साल में देश की अर्थव्यवस्था कहां पहुंचेगी? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। ‘Nation First-Always First’ के थीम को ध्यान में रखकर इस बारे में हमने तमाम विशेषज्ञों से बात की और यह जानने की कोशिश की कि क्या वाकई भारत आने वाले 10 साल में आर्थिक क्षेत्र में लंबी छलांग […]

भारत की आर्थिक स्थिति
Independence Day: आने वाले 10 साल में देश की अर्थव्यवस्था कहां पहुंचेगी? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। 'Nation First-Always First' के थीम को ध्यान में रखकर इस बारे में हमने तमाम विशेषज्ञों से बात की और यह जानने की कोशिश की कि क्या वाकई भारत आने वाले 10 साल में आर्थिक क्षेत्र में लंबी छलांग लगा पाएगा।

विकसित देशों में बढ़ रही मंदी

आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ मनोज पंत ने News24 से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 3 से 4 सालों में मंदी का सामना करेगी। इसका मुख्य कारण यह है कि विकसित देशों में लगातार मंदी बढ़ रही है। इनमें न्यूजीलैंड और जापान के अलावा, यूरोपीय देश भी शामिल हैं। सिर्फ अमेरिका ही एक ऐसा देश है, जिसकी आर्थिक स्थिति बेहतर है। विश्व इकनॉमी में डाउनटर्न होने की वजह से दुनिया में मंदी के संकेत हैं।

सुधार की दिशा

आयात और निर्यात में सुधार हो रहा है। अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए हमें अपने मजदूरों की कुशलता को बढ़ाने की आवश्यकता है। अनस्किल्ड श्रमिकों की संख्या अधिक होने से हमें कुशलता में वृद्धि करनी चाहिए।

चीन के उत्पादन में बदलाव

कोरोना महामारी के बाद स्ट्रक्चरल बदलाव दिखाई दे रहे हैं। चीन को अब अस्थिरता का सामना करना पड़ रहा है और इससे उन्हें अपने उत्पादन की शिफ्टिंग करनी पड़ रही है। इससे भारत को भी आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है।

विदेशी व्यापार और निवेश पॉलिसी

फॉरेन ट्रेड और निवेश पॉलिसी में स्थिरता होनी चाहिए, ताकि उत्पादों पर ड्यूटी के फैसले अव्यावसायिक न लगें। श्रमिकों को कौशल से संवर्धित करने के लिए उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता है, जो हमारे देश की संभावनाओं को बढ़ावा देगा।

आगामी दशक की उम्मीदें

जानकारों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा यह दावा करना कि आने वाले कुछ वर्षों में भारत देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना देंगे। यह पूरी तरीके से राजनीतिक बयानबाजी है। अगर हम देखें तो हमारे देश में प्रति व्यक्ति आय 2000 है, जबकि अमेरिका की 22000। वहीं, चीन की लगभग 12000 है। कुल मिलाकर भारत प्रति व्यक्ति आय के मामले में काफी पीछे है। ऐसे में अपने लोगों को कौशल के तौर पर विकसित करने के लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट यानी आईटीआई का ज्यादा से ज्यादा निर्माण किया जाए जो उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण मुहैया करा सके।


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