TrendingT20 World Cup 2026Bangladesh ViolencePollution

---विज्ञापन---

Govardhan Puja 2023: गोवर्धन पूजा आज, क्या करना सही और क्या नहीं? जानिए

Govardhan Puja 2023: गोवर्धन पूजा क अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन कुछ काम को करने और कुछ न करने की सलाह दी गई है, आइए जानते हैं।

Govardhan Puja 2023: दिवाली के बाद और भाई दूज से पहले देश भर में गोवर्धन पूजा को मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में त्योहार खास पर्वों में से एक है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। आज यानी 14 नवंबर 2023 को गोवर्धन पूजा है जिसे अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। भगवान कृष्ण जी और गोवर्धन पर्वत को समर्पित गोवर्धन पूजा के अवसर पर लोग गोवर्धन की 7 परिक्रमाएं लगाते हैं। इस दौरान धूप-दीपक जलाने के साथ दूध भी चढ़ाते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गोवर्धन पूजा के मौके पर क्या करना सही है या क्या नहीं? आइए जानते हैं...

क्या करें?

  1. सुबह जल्दी उठकर तेल से मालिश करें और फिर स्नान आदि करें।
  2. पूजा करने से पहले घर के बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं।
  3. इसके बाद पूजा स्थल पर जाकर भगवान कृष्ण की आराधना करें।
  4. साथ ही बनाए गए गोवर्धन पर्वत की भी पूजा करें।
  5. भोग के लिए 56 प्रकार के भोजन का प्रसाद तैयार करें।
  6. उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके दीपक जलाएं।
इन सभी चीजों को करने के साथ ही गोवर्धन की 7 परिक्रमाएं लगानी चाहिए। मान्यता है कि इससे आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। ये भी पढ़ें- Bhai Dooj Gift Ideas: भाई दूज को बनाएं और भी खास, गिफ्ट कर सकते हैं ये 5 बेस्ट और सस्ते गैजेट्स

क्या न करें?

  1. गोवर्धन पूजा को परिवार के सदस्यों के लिए अलग से शुभ नहीं माना जाता है।
  2. गोवर्धन पूजा को पूरे परिवार के साथ मिलकर करना चाहिए।
  3. अन्नकूट प्रसाद और अन्य भोजन की बर्बादी नहीं करनी चाहिए।
  4. गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत को घर के बाहर ही बनाना चाहिए।
  5. बंद कमरे में गोवर्धन की पूजा करना मना है।
  6. गोवर्धन पूजा के दिन चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है।

कैसे लगाई जाती है गोवर्धन की परिक्रमा 

हिन्दू शास्त्र के अनुसार गोवर्धन की 7 परिक्रमाएं लगाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत को अन्नकूट की प्रसादी चढ़ाई जाती है। साथ ही गोवर्धन की 7 परिक्रमाएं लगाते हुए दूध भी चढ़ाते हैं। इन सातों परिक्रमाएं से व्यक्ति के सभी दुखों का नाश होता है। इसके अलावा कहा जाता है कि परिक्रमाएं लगाने वाले के परिवार में कभी भी दूध और पुत की कमी नहीं होती है। [embed]


Topics:

---विज्ञापन---