डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है। वहीं, भारत को डायबिटीक कैपिटल भी माना जाता है, क्योंकि यहां पर 7.29 करोड़ वयस्कों को डायबिटीज है। दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट, डॉक्टर सुरनजीत चटर्जी की मानें तो साल 2030 में यह संख्या 9.8 करोड़ होने का अनुमान लगाया जा रहा है। शुगर की बीमारी दो प्रकार की होती है- टाइप-1 और टाइप-2। टाइप-1 ब्लड शुगर हाई की शुरुआत होती है और टाइप-2 को डायबिटीज माना जाता है। अगर हम पहले ही इसे कंट्रोल कर लें तो टाइप-2 से बच सकते हैं।
वहीं, एक इंस्टाग्राम रील में सामने आया कि तमिलनाडु में एक ऐसा मंदिर है, जहां के भक्तों का मानना है कि यहां पर चीनी चढ़ाने से डायबिटीज का इलाज हो सकता है। तिरुवरुर के पास वेन्नी करुम्बेश्वर मंदिर में डायबिटीज से पीड़ित लोग सिर्फ एक ही प्रार्थना लेकर आते हैं कि उन्हें इस गंभीर बीमारी से छुटकारा मिल जाए। इस मंदिर में चीनी चढ़ाने के बाद कई लोग कहते हैं कि उनका शुगर लेवल कम हो गया, दवाइयां कम हो गईं और कुछ तो पूरी तरह से ठीक भी हो गए। डॉक्टर बताते हैं कि अगर आप घर पर ही अपनी इस बीमारी को ठीक करना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ हेल्दी आदतों को अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं...
विटामिन डी के लिए धूप लें
डायबिटीज मैनेज करने के लिए शरीर में विटामिन-डी होना भी जरूरी होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार विटामिन डी टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 43 प्रतिशत तक कम करता है। विटामिन डी के नेचुरल सोर्स में फैट युक्त मछली, दही, संतरे का जूस शामिल हैं। इसके अलावा, धूप से भी विटामिन डी मिलता है। आप हफ्ते में दो बार कम से कम 30 मिनट तक धूप में बैठ सकते हैं।
रोज 25 ग्राम फाइबर इनटेक करें
वयस्कों को रोजाना अपनी डाइट में 25 ग्राम फाइबर जरूर लेना चाहिए। इसके लिए आप खाने में हरे मटर, साबुत या मोटे पिसे अनाज, सेब के छिलके और दलिया खा सकते हैं। भरपूर मात्रा में फाइबर लेने से गट हेल्थ अच्छी रहती है और वजन कंट्रोल रहता है। हमारे पाचन तंत्र में फाइबर और पानी मिलकर एक जेल बनाते हैं, जो खाने को पचाने में मदद करता है।
हर घंटे में 5 से 7 मिनट वॉक
हेल्थ स्टडी में पाया गया है कि जो लोग रोज बहुत अधिक समय तक लगातार बैठे रहते हैं, उनमें डायबिटीज का खतरा 91 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। बच्चों पर हुई एक रिसर्च के अनुसार एक घंटे लगातार स्क्रीन के सामने बैठे रहने से उनमें भी डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है। इसलिए, हर एक घंटे में कम से कम 5 से 7 मिनट के लिए टहलने की आदत डालें।