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हाई अलर्ट पर SSB, 1751 किमी लंबे नेपाल बॉर्डर को बनाया ‘नो एंट्री जोन’, पकड़े गए 66 नेपाली कैदी

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन ने देस की 25 जेलों को खाली कर दिया। वहां से 15 हजार कैदी फरार हो गए। भारत और नेपाल की सीमा खुली है। इसके चलते एसएसबी ने सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

एसएसबी ने नेपाल बॉर्डर पर पकड़े 66 नेपाली कैदी।

नेपाल में फिलहाल शांति दिखाई दे रही है, लेकिन भारत ने सीमा पर हाई अलर्ट कर रखा है। इसकी वजह है नेपाल से भागे हजारों कैदी। भारत-नेपाल की 1751 किमी सीमा खुली होने के चलते कैदियों को भारत आना आसान लग सकता है। इसके लिए सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) ने सीमा पर हाई अलर्ट कर दिया है. 8 सितंबर को शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन में नेपाल की जेलों को भी तोड़ा गया. एसएसबी अभी तक 66 कैदियों को गिरफ्तार कर चुकी है। एसएसबी की 24 घंटे निगरानी बॉर्डर पर निगरानी कर रही है।

15 हजार कैदी भागे

हिंसक प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने जेलों को भी तोड़ा। पूरे नेपाल में 25 जेलों से करीब 15 हजार कैदी फरार हो गए हैं। एसएसबी ने नेपाल से फरार 66 कैदियों को पकड़ लिया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है जिसे किशनगंज सीमा से गिरफ्तार किया गया। बिहार के रक्सौल और नेपाल के वीरगंज के बीच खुली सीमा पर एसएसबी के जवान दिन-रात सतर्क दिखे।

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भागे कैदियों की लिस्ट हुई तैयार

एसएसबी अधिकारियों के अनुसार, नेपाल सशस्त्र बल (एपीएफ) ने फरार कैदियों की सूची साझा की थी, उसी आधार पर गिरफ्तारियां हुईं। कई कैदी खुद को भारतीय बताने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके पास कोई दस्तावेज नहीं होने की वजह से पहचान की पुष्टि की जा रही है।

बिहार से भेजे गए नेपाली

नेपाल में फंसे भारतीयों को हवाई मार्ग से सुरक्षित भारत लाया गया। आम नागरिकों के साथ कई प्रदेशों के नेता भी नेपाल में फंस गए थे। सभी को सुरक्षित निकाला गया। इसके अलावा बड़ी संख्या में भारत में भी नेपालियों को सुरक्षित नेपाल पहुंचाया गया। बिहार में रह रहे 250 से ज्यादा नेपाली नागरिकों को एसएसबी ने उन्हें सकुशल नेपाल भेज दिया है। इसके अलावा एसएसबी ने भारत में पढ़ रहे 1000 से ज्यादा मेडिकल छात्रों को नेपाल भेजा।

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