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पतंजलि योग पीठ और रूस सरकार के मध्य ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर

दिल्ली में पतंजलि समूह और रूस की मॉस्को सरकार के बीच महत्वपूर्ण समझौता हुआ, जिसमें स्वास्थ्य, योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया. योग गुरु बाबा रामदेव और रूसी प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह समझौता दोनों देशों के सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा. इस साझेदारी से पतंजलि को रूस में नया बाजार मिलेगा और भारत की आयुर्वेद-योग परंपरा को वैश्विक पहचान मिलेगी.

दिल्ली में आज एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ, जो कि पतंजलि समूह और रूस की मॉस्को सरकार के बीच था. योग गुरु बाबा रामदेव ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. इस समझौता ज्ञापन में भारत और रूस के व्यापार परिषद के अध्यक्ष तथा मॉस्को, रूस के वाणिज्य मंत्री सर्गी चेरेमिन और योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज की गरिमामयी उपस्थिति रही. कार्यक्रम में स्वामी रामदेव ने कहा कि यह एमओयू स्वास्थ्य एवं वेलनेस का संवर्धन, स्वास्थ्य पर्यटन, कुशल मानव संसाधन का आदान-प्रदान तथा अनुसंधान आदि विषयों पर केंद्रित है. उन्होंने बताया कि रूस में योग, आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा को लोग पसंद करते हैं तथा इनका अनुसरण भी करते हैं. उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम हमें ऋषियों की इस वैलनेस विधा को पूरे विश्व के लगभग 200 देशों में पहुंचाना है जिसका एण्ट्री प्वाइंट रूस ही होगा.

इस एमओयू के पहला महत्वपूर्ण बिन्दु रूस में पतंजलि की वैलनेस सेवाओं का विस्तार करना है. हम रूस के साथ मिलकर Age को Reverse करने, Longivity पर गहन अनुसंधान करेंगे जिससे गम्भीर रोगों का मानव शरीर में आने से वर्षों पहले ही पता किया जा सकेगा. इसका दूसरा बिन्दु भारत के आध्यात्मिक ज्ञान, संस्कृति, योग, आयुर्वेद तथा भारत की अमूल्य धरोहरों से संबंधित ज्ञान को रूस के साथ साझा करना है. इसके लिए हम भारत की संस्कृति तथा ऋषियों की धरोहर को रूस लेकर जाएंगे. इस अवसर पर योग गुरु बाबा रामदेव ने रूस और पुतिन के बारे में बताया कि वे देश की आजादी से पहले से भारत से जुड़े हुए हैं और उन्होंने हमारे देश के साथ कई अच्छे कार्य किए हैं, जिनका अच्छा परिणाम भारत को मिला है.

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इस समझौते से भारत की आयुर्वेद और योग परंपरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी और पतंजलि को रूस में नया बाजार मिलेगा, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते और व्यापारिक अवसर बढ़ेंगे और इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इसके लिए हम भारत की संस्कृति तथा ऋषियों की धरोहर को रूस लेकर जाएंगे. एमओयू का तीसरा बिन्दु रूस को भारत के द्वारा स्किल्ड लेबर व कुशल योगी उपलब्ध कराना है. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 2 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करने वाला पतंजलि ही एकमात्र प्राइवेट पार्टनर रहा है. हम रूस को कुशल योगी व कुशल श्रमिक उपलब्ध कराएंगे. साथ ही इस एमओयू के तहत भारत के उच्च स्तरीय ब्रांड्स को रूस में तथा रूसी ब्रांड्स को भारत में प्रोमोट करना है. हम विश्वस्तरीय पतंजलि ब्रांड को रशिया लेकर जाएंगे जिससे पतंजलि के गुणवत्तायुक्त उत्पादों का लाभ रूस के नागरिकों को भी मिलेगा.

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भारत में लोग रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतीन को एक सशक्त ग्लोबल लीडर के तौर पर पहचानते हैं. उनके शौर्य, वीरता व पराक्रम से पूरा विश्व परिचित है. भारत व रूस की मैत्री से कुछ बड़े लोग खुश नहीं हैं. लेकिन किसी भी परिस्थिति में रशिया भारत का मित्र था, है और रहेगा. आध्यात्मिक, धार्मिक, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से भारत व रशिया एक दूसरे के अभिन्न मित्र देश हैं और रहेंगे.

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इस अवसर पर सर्गेई चेरेमिन ने कहा कि हम पतंजलि के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत बनाएंगे. उन्होंने कहा कि पतंजलि के योग, आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ लेकर हम रूस के लोगों की जीवनशैली परिवर्तित करेंगे और उन्हें निरोगी बनाएंगे.

पतंजलि समूह तथा रूस सरकार के मध्य दिल्ली में एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए जिसमें पतंजलि समूह की ओर से स्वामी रामदेव जी तथा मॉस्को सरकार (रूस) की ओर से भारत-रूस व्यापार परिषद के अध्यक्ष एवं रूस के वाणिज्य मंत्री सर्गेई चेरेमिन ने हस्ताक्षर किए.


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