रविवार को विद्या प्रतिष्ठान शरदचंद्र पवार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के उद्घाटन के साथ बारामती ने भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में इतिहास रच दिया. अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने कहा कि यह नया संस्थान भारत की प्रगति और असीमित संभावनाओं, नवाचार और स्वदेशी क्षमता निर्माण के एक नए अध्याय में प्रवेश का प्रतीक है.
छात्रों, शिक्षकों और अतिथियों की सभा को संबोधित करते हुए गौतम अडाणी ने कहा, “जिस प्रकार कल के बीज मिट्टी में बोए गए, उसी प्रकार कल के बीज एल्गोरिदम में बोए जाएंगे.” गौतम अडाणी ने इस बात पर जोर दिया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता केवल एक सुविधा का साधन नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की आवश्यकता है. उन्होंने परिवर्तन की आवश्यकता पर बल देते हुए युवा राष्ट्र निर्माताओं से आग्रह किया कि इतिहास परिवर्तन के तमाशबीनों द्वारा नहीं, बल्कि अपने मार्ग प्रशस्त करने वालों द्वारा रचा जाता है.
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अडाणी ने कहा कि बारामती परिवर्तन, शिक्षा, दूरदर्शिता और नेतृत्व के संगम का एक सशक्त प्रतीक है. उन्होंने उत्कृष्टता केंद्र को एक ऐसे मार्गदर्शक के रूप में वर्णित किया जो युवाओं को नवाचार-आधारित राहों की ओर ले जाएगा और उन्हें इस युग की प्रमुख चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करेगा.
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यह केंद्र विद्या प्रतिष्ठान के अंतर्गत स्थापित किया गया है, जिसमें अनुभवी नेता शरदचंद्र पवार मार्गदर्शक के रूप में कार्यरत हैं. इस पहल का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता में उन्नत अनुसंधान, कौशल विकास और उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है, जिसके अनुप्रयोग कृषि, स्वास्थ्य सेवा, शासन और उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं.