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बात-बात पर थाने भाग लेते हैं लोग, पर क्या जानते हैं इस शब्द का असली मतलब? कहां से उपजा ये?

Interesting Facs about the origin of Word Thana: आम बोलचाल में इस्तेमाल होने वाले शब्द थाना का मूल संस्कृत का स्थानीय है, जिसका अर्थ व्यक्ति या वस्तुओं को संगठित करने वाला स्थान होता है। व्याकरण में वर्णित अपभ्रंश शब्द में इसे थाने के रूप में ही मान्यता है।

बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कभी सब लोग खूब मेल-जोल से रहते थे। या तो विवाद होता नहीं था और किसी तरह की कोई छोटी-मोटी गलतफहमी धर-परिवार या आस-पड़ोस में कभी हो भी जाती थी तो उसे लोग आपस में ही निपटा लेते थे। इसके उलट आजकल जिसको देखें, वही छोटी-छोटी बात पर पुलिस थाने का रुख कर लेता है। यहां सोचने वाली बात यह भी कि क्या हमें थाने का असल मतलब पता है? अगर इस सवाल का जवाब ढूंढने निकलें तो 100 में से मुश्किल से 10 लोग भी इसकी जानकारी नहीं होगी। आज हम आपके इसी ज्ञान में बढ़ोतरी करने का प्रयास कर रहे हैं। जानें कहां से आया यह शब्द और क्या है इसका मतलब?

संस्कृत के स्थानीय शब्द का अपभ्रंश है थाना

ध्यान रहे, भारत में 22 प्रमुख भाषाओं को संवैधानिक मान्यता है। इनके अलावा 1 हजार से मातृ बोलियां हैं और इनमें  ऐसे बहुत से मतलब हैं, जिनका असली मतलब लोगों को पता ही नहीं होगा। ऐसा ही एक लोकप्रिय शब्द है थाना। इसकी उत्पत्ति को लेकर हाल ही में ऑनलाइन नॉलेज प्लेटफॉर्म 'Quora' पर एक व्यक्ति ने सवाल पूछा कि थाना, जिसे अंग्रेजी में पुलिस स्टेशन कहा जाता है, यह शब्द किस भाषा से लिया गया है? इस पर अलग-अलग यूजर्स ने अपनी राय दी है।ज्यादातर का जवाब यही है कि 'थाना' शब्द संस्कृत के स्थानीय शब्द का अपभ्रंश यानि बोलने में परेशानी होने के चलते अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे लोगों द्वारा बिगाड़ लिया गया रूप है। व्याकरण के जानकार इसका अर्थ व्यक्ति या वस्तुओं को संगठित करने वाले स्थान के रूप में लेते हैं। यह भी पढ़ें: GPS वाली पायल अपराधियों को ट्रैक करने में कैसे करती है पुलिस की मदद? अब स्टेशन शब्द के साथ कई और शब्द जुड़े हुए हैं, जो समाज में आम बोलचाल का हिस्सा हैं। पुलिस स्टेशन, फायर स्टेशन, रेलवे स्टेशन और अब तो पिज्जा स्टेशन बहुत ही चलन में है। हालांकि भारत में पहले पुलिस थाने की स्थापना ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन काल में सन 1844 में कोलकाता में की गई थी। इससे भी पहले का रोचक इतिहास यह है कि जब भारत में विदेशी आक्रमण बढ़ने लगे तो कुछ राजाओं ने आम नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए छोटी-छोटी सैन्य टुकड़ियां जहां तैनात की, उस हेडक्वार्टर को थाना नाम दिया गया। इसका सीधा सा मतलब एक आम भवन, अड्डा या स्थान था, जहां इलाके में गश्त के बाद वापस आकर विश्राम किया जा सके। बाद में बिगड़ते-बिगड़ते इसे थाना बोला जाना शुरू हो गया। यह भी पढ़ें: छत वाले पंखे के ब्लेड बाईं तो टेबल फैन की पंखुड़ी दाईं ओर घूमती हैं? क्या है वैज्ञानिक कारण? अंग्रेजों ने देश के सुरक्षा तंत्र के दो टुकड़े कर दिए। इनमें से आंतरिक सुरक्षा पर ध्यान देने वाले बल को पुलिस कहा गया, जबकि सेना को देश की सीमाओं पर तैनात किया गया। हालांकि पुलिस भी सेना के अधीन ही काम करती थी। बाद में अंग्रेजों की सत्ता से आजादी के बाद भारत सरकार ने पुलिस विभाग को सेना से अलग कर दिया। अब सेना रक्षा विभाग के अधीन है तो पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है। दूसरी ओर पुलिस थानों का पूरा सिस्टम वैसा ही है, जैसा आज से लगभग 500 साल पहले होता था। नॉलेज सेक्शन में पढ़ें भरपूर जानकारी वाले आर्टिकल्स क्यों आते हैं भूकंप, किस रिएक्टर स्केल पर ज्यादा खतरा, देश में कौन-कौन सी जगहें संवेदनशील? शादी की पहली रात दूध पीना जरूरी या मजबूरी? क्या कहता है विज्ञान? Mrs. की पूरी लिखावट और मतलब जान लेंगे तो पकड़ लेंगे बीवी के पैर, पति को Mr. कहने वाली पत्नियां भी समझें  


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