TrendingValentine WeekMaha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025Ranji TrophyIND vs ENGChampions Trophy 2025

---विज्ञापन---

UPSC CSE 2023: दिल्ली हाईकोर्ट ने UPSC से चुनौती देने वाली याचिका पर मांगी आपत्तियां, जानें पूरा मामला

UPSC CSE 2023: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2023 को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। यूपीएससी के वकील द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने इस स्तर पर याचिका पर […]

UPSC CSE 2023
UPSC CSE 2023: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2023 को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। यूपीएससी के वकील द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने इस स्तर पर याचिका पर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया और मामले को 26 जुलाई को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2023 को रद्द करने और प्रारंभिक परीक्षा और सामान्य अध्ययन पेपर 1 और 2 को फिर से आयोजित करने की मांग को लेकर 17 सिविल सेवा अभ्यर्थियों द्वारा दायर याचिका छुट्टियों से पहले जस्टिस मनोज जैन की बेंच के पास सुनवाई के लिए आई। दायर की गई रिट में 12 जून को प्रिलिम्स एग्जाम के रिजल्ट घोषित करने वाले यूपीएससी की ओर से जारी प्रेस नोट को चुनौती दी गई। इसके साथ ही आयोग को तुरंत आंसर की जारी करने के भी इंस्ट्रक्शन देने की मांग की गई। हाईकोर्ट जस्टिस ने इस रिट को तीन जुलाई पर सुनवाई करने का आदेश दिया है।

याचिका पर दोनों वकीलों ने कही ये बात

जज ने याचिका को 3 जुलाई को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान यूपीएससी की ओर से पेश वकील नरेश कौशिक ने याचिका की विचारणीयता पर प्रारंभिक आपत्ति जताते हुए कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) इस मामले की सुनवाई के लिए सक्षम मंच है। वकील राजीव कुमार दुबे के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता पूरे भर्ती चक्र के संचालन में आयोग की "मनमानी" से व्यथित थे।

जानें क्या है मामला

छात्रों को एग्जाम की आंसर की न देना स्पेसिफिक ऑब्जेक्शन टाइम विंडो दिए जाने के बाद भी एप्लीकेशन कंसीडर न करना और अनुमान के बेस पर कैंडिडेट के आंसर देने की कैपेसिटी चेक कर रहे हैं जो किसी भी तरीके से ठीक नहीं है। याचिका में कहा है कि किसी भी भी कॉपेटीटिव एग्जाम की आंसर-की एग्जाम के पहले ही बना ली जाती है।ऑब्जेक्टिव क्वेश्चंस की आंसर-की पहले तैयार की जाती है ताकि एग्जाम के बाद इसे जारी करने में देर न हो और कैंडिडेट को अपने आंसर चेक करने में दिक्कत न हो।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.