पिछले दस सालों में योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा को बहुत महत्व दिया है. योगी सरकार का मानना है कि प्राथमिक शिक्षा समाज बच्चियों और परिवार को मजबूत बनाती है. इस दिशा में राज्य सरकार ने कई योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू किया है, जिनका सीधा लाभ लाखों लड़कियों और महिलाओं को मिला है.
योगी सरकार की सबसे बड़ी योजना कन्या सुमंगला योजना रही. इस योजना के तहत लड़कियों को जन्म से लेकर कॉलेज तक पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद दी जाती है. इसके जरिए कई परिवारों की बेटियों की पढ़ाई जारी रह सकी. साथ ही इस योजना ने विशेष रूप से गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों के स्कूल में आने की संख्या बढ़ाई है. सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में लड़कियों के लिए अलग से शौचालय और साफ-सफाई की सुविधा काफी बेहद की गई है. इसके अलावा, मुफ्त सैनिटरी पैड और स्वच्छता कार्यक्रमों से पढ़ाई में रुकावट कम हुई और लड़कियों का स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ.
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प्राथमिक शिक्षा में सरकार कि डिजिटल शिक्षा और ऑनलाइन पढ़ाई को भी बढ़ावा दिया गया. राज्य के कई जिलों में स्मार्ट क्लास और डिजिटल लैब बनें. इससे लड़कियों को आधुनिक तकनीक के साथ पढ़ाई करने का मौका मिला और उनकी सीखने की क्षमता बढ़ी. योगी सरकार ने छात्रवृत्ति और छात्रावास की सुविधाएं भी बढ़ाई हैं. इससे ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की लड़कियों को सुरक्षित छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने का अवसर मिला.
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कुल मिलाकर, पिछले दस वर्षों में योगी सरकार ने महिलाओं की प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इन प्रयासों से लड़कियों की पढ़ाई बेहतर हुई है, उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है और समाज में उनका स्थान भी मजबूत हुआ है. उत्तर प्रदेश में महिलाओं की शिक्षा का यह विकास राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान दे रहा है.
योगी सरकार के 10 साल में प्राथमिक शिक्षा पर ये हैं मुख्य कदम
- योगी सरकार ने ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में नए सरकारी प्राथमिक स्कूल खोले. जिससे स्कूलों की संख्या बढ़ाई कई गुना बड़ी और इससे बच्चों, खासकर लड़कियों, को घर के पास पढ़ाई का अवसर मिला.
- कन्या सुमंगला योजना के दौरान प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक लड़कियों को आर्थिक सहायता दी गई
- लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाए गए और साफ-सफाई और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया. साथ ही मुफ्त सैनिटरी पैड वितरण से पढ़ाई में व्यवधान कम हुआ.
- प्राथमिक स्कूलों में डिजिटल लैब और स्मार्ट क्लास स्थापित की गई. बच्चों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से पढ़ाई का अवसर मिला. साथ ही बच्चों को डिजिटल शिक्षा और स्मार्ट क्लास के बारे में जानने का मौका मिला.
- प्राथमिक स्कूलों में महिला शिक्षकों की संख्या बढ़ाई गई. शिक्षकों को बच्चों की बेहतर पढ़ाई और देखभाल के लिए प्रशिक्षण दिया गया.
- घर से दूर होने की वजह से स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों को ध्यान में रखकर छात्रावास और विशेष योजनाएं शुरू की गई. जिससे बच्चों का स्कूल ड्रॉपआउट कम हुआ और ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों का स्कूल में आना बढ़ा.
- प्राथमिक शिक्षा के छात्रों को मुफ्त किताबें और स्टेशनरी दी गई. इससे गरीब रिवारों की लड़कियों और लड़कों की पढ़ाई में मदद मिली.
- बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य और पोषण पर भी काफी ज्यादा ध्यान दिया गया.