TrendingInd Vs AusIPL 2025Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

Centre’s Ordinance: क्या दिल्ली अध्यादेश पर केंद्र की नैया पार लगाएंगे जगनमोहन? जानें NDA Vs INDIA का नंबर गेम

Centre’s Ordinance: दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकारों को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच रार जारी है। इस बीच केंद्र का यह विधेयक संसद के दोनों सदनां से पारित होने के लिए तैयार है। इस बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने मणिपुर पर अविश्वास प्रस्ताव […]

Delhi Ordinance
Centre's Ordinance: दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकारों को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच रार जारी है। इस बीच केंद्र का यह विधेयक संसद के दोनों सदनां से पारित होने के लिए तैयार है। इस बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने मणिपुर पर अविश्वास प्रस्ताव सहित दो बड़े मुद्दों पर पर संसद में केंद्र सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा में नौ और लोकसभा में 22 सदस्य हैं। अक्सर महत्वपूर्ण विधेयकों पर सरकार का समर्थन करते रहे हैं। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। यदि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों का समर्थन मिला तो सरकार विवादास्पद दिल्ली विधेयक को राज्यसभा के माध्यम से आसानी से प्राप्त कर सकती है।   ये भी पढ़ेंः पहले अपना स्टैंड क्लियर करिए…’, विपक्षी दलों की दूसरी बैठक के लिए कांग्रेस के न्योते पर बोले सांसद राघव चड्ढा  

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- दिल्ली पर पहला हक चुनी सरकार का

दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार के हक में फैसला दिया था। कहा था कि दिल्ली पर पहला हक दिल्ली की जनता द्वारा चुनी सरकार का है। लेकिन केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश के जरिए पलट दिया था।

विजयसाई रेड्डी बोले- हम करेंगे सरकार का समर्थन

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि हम दोनों मुद्दों पर सरकार के पक्ष में वोट करेंगे। पार्टी के 22 सांसद मणिपुर संकट पर लोकसभा में विपक्ष द्वारा प्रायोजित अविश्वास मत में सरकार का साथ देंगे। अविश्वास प्रस्ताव के लिए लोकसभा अध्यक्ष द्वारा दो नोटिस स्वीकार कर लिए गए हैं। लेकिन सरकार विश्वास मत हासिल कर लेगी। यह बात विपक्ष भी बखूबी जानता है। वह सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर पर संसद में बयान देने के लिए मजबूर करना चाहता है।

केजरीवाल जुटा रहे देशभर के नेताओं का समर्थन

दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) केंद्र के विधेयक के खिलाफ अपनी लड़ाई में समर्थन जुटा रही है और भाजपा पर राजधानी में अधिकारियों पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश करते हुए कानून के शासन को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगा रही है। आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समर्थन हासिल करने के लिए देश भर में यात्रा की और विभिन्न मुख्यमंत्रियों और विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की। पिछले हफ्ते, खासकर दिल्ली और पंजाब में अपनी कड़वी प्रतिद्वंद्विता के बावजूद, कांग्रेस आप के समर्थन में सामने आई।

तो अब आसानी से अध्यादेश पास करा लेगी सरकार

राज्यसभा में 238 सदस्य हैं, बहुमत का आंकड़ा 120 है। भाजपा और सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सहयोगी दलों के पास 105 सदस्य हैं। सत्तारूढ़ दल को पांच नामांकित और दो निर्दलीय सांसदों के समर्थन का भी भरोसा है। सरकार के पक्ष में 112 वोट हैं, जो नए बहुमत के आंकड़े से आठ कम है। करीब 105 सदस्य दिल्ली अध्यादेश के खिलाफ हैं। यह भी पढ़ें: राहुल गांधी का पीएम मोदी पर बड़ा आरोप, बोले- इसलिए प्रधानमंत्री मणिपुर पर कुछ नहीं बोल रहे हैं


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.