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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज दुनिया के सबसे ऊंचे एयरबेस का करेंगे शिलान्यास, जानें इसके बन जानें से भारत को कितना होगा फायदा

World’s Highest Fighter Airfield : चतुर चीन की चालबाजी पर भारत की पैनी नजर है और भारत लगातार अपनी रक्षा तंत्र को मजूबत करने में जुटा है। इसी कड़ी में भारत LAC से 50 किलोमीटर की दूरी पर दुनिया का सबसे ऊंचा एयरबेस बनाने जा रहा है। पूर्वी लद्दाख से करीब 30 किलोमीटर की दूर […]

World's Highest Fighter Airfield : चतुर चीन की चालबाजी पर भारत की पैनी नजर है और भारत लगातार अपनी रक्षा तंत्र को मजूबत करने में जुटा है। इसी कड़ी में भारत LAC से 50 किलोमीटर की दूरी पर दुनिया का सबसे ऊंचा एयरबेस बनाने जा रहा है। पूर्वी लद्दाख से करीब 30 किलोमीटर की दूर न्योमा एयरफील्ड में भारत ये एयरबेस तैयार करने जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज इस एयरबेस का शिलान्यास करेंगे। दरअसल भारत चीन चालाकियों से निपटने के लिए पूर्वी लद्दाख के सामरिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इलाके में लगातार अपनी सक्रियता और क्षमता बढ़ाने में जुटा है। यह इलाका सामरिक ताकत के लिहाज से भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण इलाका है। इसके साथ ही भारत पूर्वी लद्दाख में चीन बॉर्डर के करीब दुनिया की सबसे ऊंची फाइटर जेट बेस, मोटरेबल सड़क औप टनल भी बना रहा है। इसके साथ ही भारत ने लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों तक परिवहन और दूसरी अन्य सुविधाओं के विस्तार पर भी काफी ध्यान दे रहा है। रक्षा मामलों के जानकारों के मुताबिक न्योमा एयरफील्ड इस साल के अंत तक बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इन लोगों का कहना है कि चीन की चुनौतियों के लिहाज से यह एयरबेस भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यहां से लड़ाकू विमानों का उड़ाया सकता है। दरअसल पिछले कुछ समय लद्दाख से सटे अपने इलाकों में चीन ने सक्रियता बढ़ा दी है और वो तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है। और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहां पढ़ें


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