2024 की राह: महिला आरक्षण बिल के सहारे दक्षिण को अपना मजबूत किला बना रही भाजपा
Woman Reservation Bill BJP In Assembly Election 2023
Woman Reservation Bill BJP In Assembly Election 2023: देश में इस साल के अंत तक 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। वहीं अगले साल अप्रेल-मई में लोकसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इस बीच केंद्र की सत्ता में पिछले 9 साल से काबिज भाजपा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। इसी क्रम में बीजेपी ने संसद का 18 से 21 सितंबर तक विशेष सत्र आयोजित कर महिला आरक्षण विधयेक को पारित करा दिया। चुनाव से पहले भाजपा और पीएम मोदी महिला वोट बैंक को साधने के लिए चुनावी राज्यों के साथ-साथ पूरे देशभर में इस बिल का जोर-शोर से प्रचार कर रही है।
महिला आरक्षण बिल से माहौल बनाने में जुटी पार्टी
दिसंबर 2023 में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इन चुनावों को एक तरह से लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। मोदी सरकार ने शीतकालीन सत्र का इंतजार किए बिना संसद का विशेष सत्र बुलाकर महिला आरक्षण बिल पारित करा दिया। इस बीच चुनावी राज्यों में पार्टी ने आतंरिक सर्वे भी कराया है। सर्वे के अनुसार स्थानीय बैठकों में नेताओं की अनुपस्थिति, गुटबाजी व तीन-तीन बार चुनाव जीत चुके विधायकों की एंटी इंकम्बेंसी भी पार्टी के लिए बड़ी समस्या है। वहीं इसी सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि पार्टी और पीएम मोदी की लोकप्रियता अभी भी बरकरार है। वह इसी के आधार पर लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में काबिज हो सकती है।
तेलंगाना में पार्टी ने तैयार किया माहौल
पार्टी के आतंरिक सर्वे में एक और बात सामने आई वह यह कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की उत्तर भारत में कुछ सीटें कम हो सकती है और वह इसकी भरपाई दक्षिण के राज्यों से करना चाहती है। इसके लिए पार्टी तेलंगाना पर विशेष जोर दे रही है। पार्टी ने 2020 में तेलंगाना में हैदराबाद नगर निगम चुनावों में बड़ी जीत हासिल करते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। इसके बाद पार्टी ने बड़ा बदलाव करते हुए जी किशन रेड्डी की जगह बंदी संजय कुमार को पार्टी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था। हालांकि इससे पार्टी को कुछ मदद मिली। संजय कुमार ने पूरे प्रदेश में पैदल यात्रा की शुरुआत की। यात्रा के दौरान उमड़े लोगों के हुजूम ने पार्टी को उत्साहित किया।
कर्नाटक में जेडीएस के सहारे नैया पार लगाने की कवायद
वहीं कर्नाटक में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के बाद भाजपा ने इस बार के लोकसभा चुनाव में पूर्व पीएम देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस से गठबंधन किया है। पार्टी को लगता है कि वोक्कालिगा समुदाय को कांग्रेस में जाने से रोकने के लिए जेडीएस के साथ गठबंधन जरूरी है। विधानसभा चुनाव में पार्टी वोक्कालिगा प्रभावित क्षेत्र से पूरी तरह साफ हो गई थी। इसके अलावा लिंगायत वोट तो बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक रहा है। बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 28 में से 25 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।
तमिलनाडु में चमत्कार की उम्मीद
दक्षिण का एक और राज्य है जहां पार्टी इस बार चमत्कार की उम्मीद कर रही है वह है तमिलनाडु। तमिलनाडु में पार्टी का एआईडीएमके के साथ गठबंधन टूट चुका है। भाजपा नेताओं के जयललिता और एआईडीएमके नेताओं के खिलाफ दिए जा रहे बयानों के बाद खफा हुई एआईडीएमके ने गठबंधन तोड़ दिया। पार्टी युवा अध्यक्ष के अन्नामलाई की पद यात्रा के सहारे 4-5 सीटें पाने की जुगत में है। पार्टी को लगता है कि सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन पर दिए बयान को मुद्दा बनाकर वह राज्य में अपने लिए माहौल बना सकती है।
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