वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हो गया है। पिछले काफी समय से इसे लेकर हंगामा मचा हुआ है। मुस्लिम संगठनों के अलावा विपक्ष भी वक्फ बिल का पुरजोर विरोध कर रहा है। इस बिल से कई मुस्लिम बुरी तरह से नाराज हैं। आइए जानते हैं कि वक्फ बिल में ऐसे कौन से बदलाव हैं? जिसका मुस्लिम समुदाय विरोध कर रहे हैं और वो इसे लेकर नाखुश हैं।
1. प्रॉपर्टी पर फंसा पेंच
वक्फ बिल के तहत नया कानून लागू होने के बाद अगर वक्फ बोर्ड की संपत्ति रजिस्टर नहीं है, तो 6 महीने बाद वक्फ इसे लेकर कोर्ट नहीं जा सकता है। बता दें कि कई वक्फ 500-600 साल पुराने हैं, जिनके दस्तावेज मौजूद नहीं हैं। ऐसे में वक्फ को डर है कि उसके कब्रिस्तान, मस्जिद और स्कूल कानूनी विवाद में फंस सकते हैं।
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2. लिमिटेशन एक्ट ने बढ़ाई मुश्किल
वक्फ बिल धारा 107 हटाने और वक्फ बोर्ड को लिमिटेशन एक्ट 1963 के दायरे में लाने का प्रावधान करता है। ऐसे में अगर किसी ने 12 साल या उससे अधिक समय तक वक्फ की संपत्ति पर कब्जा किया तो लिमिटेशन एक्ट के कारण वक्फ इस संदर्भ में कानूनी मदद नहीं ले सकेगा।
नए कानून के तहत वक्फ बोर्ड परिषद में 2 महिलाओं और 2 गैर-मुस्लिमों का होना अनिवार्य है। साथ ही वक्फ को सिर्फ वही मुस्लिम संपत्ति दान कर सकते हैं, जो कम से कम 5 साल से इस्लाम का पालन कर रहे हैं।
5. वक्फनामा जरूरी
इस्लामी परंपरा में बिना वक्फनामे के मौखिक रूप से भी संपत्ति दान देने की परंपरा है। हालांकि नए कानून के तहत वक्फ डीड के बिना कोई भी प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड की नहीं मानी जाएगी। इसके लिए दान का दस्तावेज होना जरूरी है।
6. हाई कोर्ट में अपील
वर्तमान में अगर वक्फ किसी भी संपत्ति पर दावा करता है तो उसके खिलाफ सिर्फ वक्फ ट्रिब्यूनल में ही अपील की जा सकती है और ट्रिब्यूनल का फैसला ही आखिरी होगा। मगर नए कानून के तहत ट्रिब्यूनल के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।
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