TrendingYear Ender 2025T20 World Cup 2026Bangladesh Violence

---विज्ञापन---

कौन हैं Tashi Gyalson? जिनकी वजह से कटा लद्दाख के एकमात्र सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट

Tashi Gyalson Ladakh: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है। पार्टी ने लद्दाख के कई बार सासंद रहे सेंरिंग नामग्याल का टिकट काट कर ताशी ग्यालसन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। तो आइए जानते हैं ताशी ग्यालसन के बारे में विस्तार से।

Tashi Gyalson Ladakh: लोकसभा चुनाव 2024 का असर लद्दाख में भी दिखने लगा है। 2019 में राज्य से केंद्रशासित प्रदेश बने लद्दाख में बीजेपी ने अपना प्रत्याशी चुन लिया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार जामयांग सेरिंग नामग्याल को टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह पार्टी ने ताशी ग्यालसन को चुनावी मैदान में खड़ा किया है। तो आइए जानते हैं कि ताशी ग्यालसन आखिर कौन हैं, जिन्होंने कई बार लद्दाख के सांसद रहे नामग्याल का पत्ता भी साफ कर दिया है। पेशे से हैं वकील ताशी ग्यालसन पेशे से वकील हैं और काफी लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हिस्सा रहे हैं। वकील से राजनेता बने ताशी ग्यालसन 2020 में लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (Ladakh Autonomous Hill Development Council) के मुख्य कार्यकारी पार्षद (CEC) चुने गए थे। लद्दाख की राजनीति में ताशी की अच्छी पकड़ बन चुकी है। यही वजह है कि भाजपा ने इस बार ताशी को अपना चुनावी उम्मीदवार बनाया है। सेरिंग नामग्याल का पत्ता साफ बता दें कि भाजपा ने पिछले आम चुनाव में सेरिंग नामग्याल को अपना सासंद चुना था। हालांकि सेरिंग नामग्याल का नाम उस समय चर्चा में आया जब उन्होंने आर्टिकल 370 हटाने का समर्थन करते हुए ससंद में अपना पक्ष रखा था। ससंद के पटल पर सेरिंग नामग्याल का भाषण सुनकर हर कोई दंग रह गया था। हालांकि सेरिंग हमेशा से लद्दाख के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग करते रहे हैं। मगर इस बार भाजपा ने सेरिंग की बजाए ताशी को टिकट दे दिया है। वहीं लद्दाख लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है। लद्दाख में कब होंगे चुनाव लोकसभा चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को खत्म हो चुका है। वहीं लद्दाख लोकसभा सीट पर पांचवे चरण में मतदान होना है। बता दें कि 3 मई को चुनावी उम्मीदवारों के नामांकन भरने की आखिरी तारीख है और यहां चुनाव 20 मई को होने हैं। अब लद्दाख में ताशी ग्यालसन जीत का परचम फहराने में कितना कामयाब होंगे? इसका फैसला 4 जून को चुनावी नतीजों से ही होगा।


Topics:

---विज्ञापन---