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कौन हैं सुकांत मजूमदार? जिन्हें पुलिस ने लिया हिरासत में, कोलकाता रेप केस का कर रहे थे विरोध

Kolkata Rape Case: कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ रेप हुआ, जिसके खिलाफ भाजपा ने विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन प्रदर्शनकारी सुकांत मजूमदार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सुकांत को हिरासत में लिए जाने के विरोध में भाजपा वर्करों ने धरना दिया। मामले में कोलकाता में सियासत पूरी तरह गरमाई हुई है।

केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार।
Who is Sukanta Majumdar: कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ रेप हुआ, जिसके खिलाफ लालबाजार में गरियाहाट क्रॉसिंग पर भाजपा ने हल्ला बोला और विरोध प्रदर्शन किए। बीती रात पहले भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने भी समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन किया, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। फिर सुकांत मजूमदार को हिरासत में लिए जाने के लिए विरोध में भाजपा वर्करों ने धरना दिया। सुकांत मजूमदार और भाजपा वर्करों ने पार्टी के झंडे लहराते हुए विरोधी नारेबाजी की। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके प्रदर्शनकारियों को घेर लिया तो वे बैरिेकेडिंग तोड़कर आगे जाने लगे तो पुलिस ने सुकांत को हिरासत में ले लिया और पुलिस वैन में डालकर थाने ले गई। इस दौरान भी भाजपा वर्करों ने TMC सरकार विरोधी नारे लगाए।  

कौन हैं सुकांत मजूमदार?

सुकांत मजूमदार पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे 2021 में पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष बने थे। उन्होंने दिलीप घोष की जगह ली थी। बालुरघाट लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद हैं और मोदी सरकार में राज्य मंत्री भी हैं। वे पहली बार मोदी कैबिनेट का हिस्सा बने और उनहें शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री भी सुकांत ही हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे। उनके मेंटॉर देवी दास चौधरी हैं, जिनके डायरेक्शन में सुकांत राजनीति में आए और केंद्रीय मंत्री के पद तक पहुंचे। 2019 में उन्होंने बलूरघाट से TMC उम्मीदवार अर्पिता घोष को हराकर लोकसभा चुनाव जीता और सांसद बने। दूसरी साल साल 2024 में TMC उम्मीदवार बिप्लब मित्र को हराकर लोकसभा चुनाव जीता और सांसद बने।  

पुलिस हिरासत पर क्या बोले सुकांत?

सुकांत मजूमदार ने अपने X हैंडल पर एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा कि कोलकाता पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस विभाग अब निष्पक्ष नहीं रहा। वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निजी सेवक बन गए हैं। विफल मुख्यमंत्री के अराजक शासन और बंगाल में अघोषित आपातकाल के अधीन काम कर रहे हैं। पुलिस को विपक्ष की आवाज को दबाने, डराने के लिए राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। जब भाजपाई तृणमूल कांग्रेस के गुंडों की अराजकता का विरोध करते हैं तो उन्हें गिरफ़्तार किया जाता है। पुलिस की बर्बरता झेलनी पड़ती है। पिछले 28 दिन में कई बार गैर-कानूनी तरीके से मुझे लालबाजार के थाने में लॉकअप में घसीटा गया है। आज एक बार फिर, भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ जबरन हिरासत में लिया गया और वैन में डालकर थाने ले जाया गया। भाजपाई इस अराजकता को तुरंत समाप्त करने की मांग करते हैं। बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार की भाजपा कड़ी निंदा करती है। भाजपा माताओं और बहनों की गरिमा का हनन नहीं होने देगी।


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