कौन है निमिषा प्रिया, क्या है पूरा मामला जिसमें 5 साल पहले सुनाई गई थी मौत की सजा
Who is Nimisha Priya : निमिषा प्रिया का मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में है। यमन में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद से निमिषा की मां उन्हें बचाने की जद्दोजहद में लगी हैं। निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली हैं। उन्होंने साल 2011 में यमन के साना इलाके में जाकर क्लीनिक खोली थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस क्लीनिक को खोलने के लिए पहले उन्होंने तलाल आब्दो महती नाम के व्यक्ति से मदद मांगी। यह महती यमन में रहने वाला उनका दोस्त था। यह आब्दो महती ही विवाद की असली जड़ है।
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पासपोर्ट बना समस्या की जड़
तलाल आब्दो महती ने मदद देने का आश्वासन दिया लेकिन दावा किया जाता है कि वह सिर्फ मदद का झांसा देता रहा लेकिन बाद में निमिषा ने खुद के प्रयासों से ही क्लीनिक खोल ली लेकिन इसके बाद आब्दो महती उन्हें परेशान करने लगा। यहां तक की निमिषा को अपनी दूसरी पत्नी बताने लगा। निमिषा ने यमन पुलिस से उसकी शिकायत की तो पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया लेकिन वापस आने के बाद वह सुधरा नहीं बल्कि निमिषा की समस्या और बढ़ गई। उसने जबरन निमिषा का पासपोर्ट हथिया लिया। ऐसे में निमिषा मुसीबत में फंस गई क्योंकि पासपोर्ट के बिना वह यमन से वापस नहीं आ सकती थी। ऐसी स्थिति में उसने अपने एक दोस्त हनान की मदद ली।
बेहोशी के चक्कर में मौत
दोनों ने मिलकर आब्दो महती को बहला फुसलाकर बुलाया और बेहोशी के इंजेक्शन लगाया, जिससे पासपोर्ट वापस पा सकें लेकिन दवा का ओवरडोज होने से आब्दो महती की मौत हो गई। इससे निमिषा डर गई। दावा यमन पुलिस से मिली सूचना के अनुसार निमिषा और हनान ने आब्दो महती की लाश के टुकड़े करके उसे पानी के एक टैंक में डाल दिया, जिससे किसी को पता न चले लेकिन दोनों पुलिस की गिरफ्त में आ गए। यमन में दोनों पर मुकदमा चला। आब्दो की मौत जुलाई 2017 को हुई थी। करीब एक साल मुकदमे के बाद साल 2018 में हन्नान को उम्रकैद और निमिषा को मौत की सजा सुनाई गई। तब से निमिषा की मां उसे बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। निमिषा को बचाने के लिए यमन की ऊपरी अदालत में भी अपील की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
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क्या चाहती हैं निमिषा की मां
निमिषा की मां यमन जाना चाहती हैं और ब्लड मनी देकर निमिषा को बचाना चाहती हैं। यमन में नियम है कि यदि किसी व्यक्ति की हत्या हो जाती है तो मृतक का परिवार दोषी से कुछ पैसे लेकर उसे माफ कर सकता है। समस्या ये है कि भारत में काफी समय से यमन की यात्रा पर रोक लगी हुई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के वकील ने बताया कि अब इस मामले में कुछ छूट मिलने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट से छूट मिलने की संभावना के बाद निमिषा का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या निमिषा को बचाया जा सकेगा या नहीं। कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि आब्दो के परिवार ने 5 करोड़ यमनी रियाल की मांग की है, जो भारतीय करेंसी में करीब डेढ़ करोड़ रुपये होते हैं।
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