नई दिल्ली: जंतर-मंतर पर पुलिस और पहलवानों के बीच रविवार के दिन झड़प हई। पहलवान नए संसद भवन के बाहर धरना देने जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोका और बजरंग पूनिया, विनेश-संगीता फोगाट, साक्षी मलिक सहित अन्य को हिरासत में ले लिया। इस बीच पहलवान बजरंग पुनियाऔर केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एनसी अस्थाना के बीच सोमवार को ऑनलाइन तीखी नोक-झोंक हो गई। जिसके बाद अस्थाना ने चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो पुलिस प्रदर्शनकारी पहलवानों पर गोलियां चलायेगी। अस्थाना के ट्वीट का जवाब देते हुए पुनिया ने कहा कि वह अपने सीने में गोली खाने के लिए तैयार हैं।
'ज़रूरत हुई तो गोली भी मारेंगे'
पहलवानों और अन्य प्रदर्शनकारियों को बसों में डालकर अलग-अलग स्थानों पर ले जाने के तुरंत बाद, पुलिस कर्मियों ने पहलवानों के अन्य सामानों के साथ चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल की छत को हटाकर विरोध स्थल को साफ करना शुरू कर दिया। रविवार रात अस्थाना ने एक न्यूज रिपोर्ट को रीट्वीट करते हुए हिंदी में लिखा, 'ज़रूरत हुई तो गोली भी मारेंगे। मगर, तुम्हारे कहने से नहीं। अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीट कर फेंका है। दफ़ा 129 में पुलिस को गोली मारने का अधिकार है। उचित परिस्थितियों में वो हसरत भी पूरी होगी। मगर वह जानने के लिये पढ़ालिखा होना आवश्यक है। फिर मिलेंगे पोस्टमॉर्टम टेबल पर।
दरअसल पिछले एक महीने से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवान रविवार को नई संसद के सामने महिला महापंचायत में शामिल होने जा रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस महापंचायत की अनुमति नहीं दी थी। पहलवानों ने इसके बावजूद महापंचायत का आयोजन किया और संसद की तरफ जाने लगे। इस पर उनका पुलिस के साथ टकराव हो गया। पुलिस ने विनेश-साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत तमाम पहलवानों और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया और जंतर मंतर को खाली करा दिया।
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