New IT Policy of Karnataka Government: कर्नाटक सरकार ने हाल ही में नई IT पॉलिसी की घोषणा की है. इसके तहत कंपनियों को अपने ऑफिस बेंगलुरु से बाहर दूसरे शहरों में शिफ्ट करने को कहा गया है. कर्नाटक सरकार ने नई आईटी-बीटी नीति 2025-2030 जारी की है.
सरकार के एक अधिकारी के अनुसार, नीति का उद्देश्य बेंगलुरु के अत्यधिक भीड़भाड़ और महंगे स्टार्टअप इकोसिस्टम से कंपनियों को बाहर निकालकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्थापित करना है. सरकार इन शहरों में शिफ्ट होने वाली कंपनियों को प्रत्यक्ष वित्तीय प्रोत्साहन देगी.
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छोटे शहरों में बड़े निवेश की है योजना
नई नीति के तहत मैसूरु, मंगलुरु, हुब्बली-धारवाड़, शिवमोगा और कलबुर्गी में इनोवेशन क्लस्टर, स्टार्टअप जोन और क्षेत्र-विशेष तकनीकी हब विकसित किए जाएंगे. सरकार ने साल 2030 तक 30,000 स्टार्टअप तैयार करने का लक्ष्य रखा है. वहीं, सूत्रों का कहना है कि इनमें से कम से कम 5000 स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों में आने चाहिए.
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960 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार
सरकार ने इस नीति को लागू करने के लिए पांच वर्षों में कुल 960 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है. आवेदन प्रक्रिया दिसंबर 2025 के मध्य से शुरू होगी. प्रत्येक लाभ श्रेणी में अधिकतम 100 लाभार्थियों की सीमा रखी गई है. यह ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर होगी.
नीति के तहत कंपनियों को मिलने वाले प्रोत्साहन
- दफ्तर किराये का 50 फीसदी सरकार वापस करेगी (अधिकतम 2 करोड़ रुपये)
- तीन साल तक प्रॉपर्टी टैक्स में 30 फीसदी तक राहत
- कर्मचारियों को 50 हजार तक प्रोत्साहन
- बिजली शुल्क पांच साल तक पूरी तरह माफ
- इंटरनेट और टेलीफोन बिल पर 25 फीसदी छूट.
(अधिकतम 12 लाख रुपये) - इनोवेशन आधारित कंपनियों के लिए आरएंडडी खर्च पर 40 फीसदी राहत (अधिकतम 50 करोड़ रुपये)
राज्य के इन शहरों को होगा बड़ा फायदा
सरकार मैसूर, मेंगलुरु, हुबली-धारवाड़, कलबुर्गी, बेलागावी, शिवमोगा और देवणगेरे जैसे शहरों को आईटी हब के रूप में विकसित करना चाहती है. सरकार डेवलपर्स को भी बेंगलुरु से बाहर आईटी या आईटीईस पार्क शुरू करने के लिए पूंजी के मामले में मदद दे रही है. छोटे शहरों में आईटी या आईटीईएस पार्क लगाने वाले डेवलपर को कुल खर्च का 25 फीसदी रिइंबर्समेंट के रूप में मिल जाएगा. इसके लिए 10 करोड़ रुपये की लिमिट है.
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कंपनी को मिलेगा 50 फीसदी रिइंबर्समेंट
कर्नाटक सरकार ने पांच साल में इस प्लान पर करोड़ों रुपये खर्च करने का फैसला किया है. टियर 2 और टियर 3 शहरों में प्रत्येक एक लोकल व्यक्ति को नौकरी देने पर कंपनी को सरकार की तरफ से 50,000 रुपये मिलेंगे. इसके लिए प्रति यूनिट 10 लाख रुपये की लिमिट तय की गई है. अगर कंपनियां अपने एंप्लॉयीज को बेंगलुरु से दूसरे जिलों में रिलोकेट करती हैं तो उसे रिलोकेशन पर होने वाले खर्च का 50 फीसदी रिइंबर्समेंट के रूप में मिल जाएगा. इसके लिए प्रति यूनिट 50 एंप्लॉयीज की लिमिट है.
कर्नाटक भारत का IT पावरहाउस
कर्नाटक भारत का सबसे बड़ा रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) और प्रोडक्ट डेवलपमेंट हब है. यह राज्य भारत के IT निर्यात में 42% का योगदान देता है, जो 3.2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. बेंगलुरु को भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है. यहां भारत की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री का सबसे बड़ा और मजबूत इकोसिस्टम डेवलप हुआ है. वहीं, अमेरिका की टॉप यानी फॉर्च्यून की 500 में 400 से ज्यादा कंपनियों के बेंगलुरु में ऑपरेशंस हैं.