What is Sim Box: सूरत में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पर एटीएस ने छापेमारी की है। यहां सिम बॉक्स और 31 सिम कार्ड के साथ दो अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं। आरोपी सौरभ प्रभाकर और प्रेम उर्फ बोनी बिपिनचंद्र टोपीवाला की गिरफ्तारी की गई है। सिम बॉक्स को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया जाता है। आखिर सिम बॉक्स क्या है और इससे सुरक्षा को किस तरह से खतरा है, आइए आपको बताते हैं...
सिम बॉक्स से लोकल में बदल जाती है इंटरनेशनल कॉल
सिम बॉक्स एक तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होते हैं। जिसे सिम बैंक भी कहा जाता है। यह इंटरनेट बेस्ड एक हार्डवेयर डिवाइस होती है, जिसका इस्तेमाल टेलीकॉम में डायरेक्ट जीएसएम कम्यूनिकेशन को टर्मिनेट करने के लिए किया जाता है।
इस डिवाइस में बड़ी संख्या में सिम कार्ड लगे होते हैं जिससे इंटरनेशनल कॉल को स्थानीय जीएसएम कॉल में कन्वर्ट किया जा सकता है। आसान भाषा में समझाएं तो इससे इंटरनेशनल कॉल को फर्जी तरीके से स्थानीय नंबर से कन्वर्ट किया जा सकता है। जिससे ऐसा लगता है कि कोई भी कॉल स्थानीय मोबाइल नंबर से आई है। इसका एक फायदा ये भी है कि इससे कॉल के इंटरनेशनल के बजाय लोकल चार्ज लगते हैं। जिससे टेलीकॉम इंडस्ट्री को करोड़ों रुपये का चूना लगता है।
टेलीकॉम इंडस्ट्री को चपत
सिम बॉक्स फ्रॉड टेलीकॉम सेक्टर की आमदनी को भी चपत लगा रहा है। यह डिजिटल दुनिया के बड़े फ्रॉड में से एक है। फ्रॉड लॉस सर्वे की रिपोर्ट 2021 के मुताबिक, सिम बॉक्स से टेलीकॉम इंडस्ट्री को करीब 3 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था।
करीब 5 साल पहले झारखंड की राजधानी रांची में भी एटीएस ने इसी तरह की कार्रवाई की थी। जहां सिम बॉक्स के जरिए इंटरनेशनल कॉल बायपास किए जा रहे थे। तब पुलिस की जांच में ये भी पता चला कि एक ही शख्स के नाम से 10,000 पोस्टपेड कनेक्शन चलाए जा रहे थे। सिम बॉक्स के जरिए अरब देशों के अलावा पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में बातचीत की जाती थी। साथ ही मैसेज भी भेजे जाते थे।